Romantic Love Urdu Poetry

Romantic Love Urdu Poetry

एक आस
एक एहसास
मेरी सोच और बस तुम
एक सवाल
एक मज़ाल
तुम्हारा ख़याल और बस तुम
एक बात
एक शाम
तुम्हारा साथ और बस तुम
एक दुआ
एक फर्याद
तुम्हारी याद और बस तुम
मेरा जुनून
मेरा सुकून बस तुम और बस तुम


जिसको चाहो उसे चाहत बता भी देना
कितना प्यार है उससे ये जता भी देना
दिल उसका कहीं और ना लग जाए,
करके इज़हार उसके दिल को चुरा भी लेना
गलती से रूठे कभी तो उसे मना भी लेना
बहुत हसीन होता है ये प्यार का रिश्ता,
कभी ग़लती से भी इसे तोड़ ना लेना


Best Love Poetry In Urdu


अपनी प्यारी आँखों मे छुपालो मुझको
मोहब्बत तुम से हैं, चुरालो मुझको
धूप हो या सेहर तेरे साथ चलेंगे हम
यक़ीन ना हो तो आज़मा लो मुझ को
तेरे हर दुख को सह लेंगे हंस के हम
अपने वजूद की चादर बना लो मुझको
ज़िंदगी भी तेरे नाम कर दी है हमने
बस चंद लम्हे सीने से लगा लो मुझको


Urdu Shayari

तेरी आँखों से प्यार करूँ
तेरी बातों से प्यार करूँ
तेरी मोहब्बत मे डूब मरूँ
तुझे प्यार में सुबह शाम करूँ
तुम रह ना पाओ हमारे बिना
इस तरह टूट कर तुझे में प्यार करूँ


नया ये दौर है लेकिन
वही किस्से पुरानें हैं
मोहब्बत के जमाने थे
मोहब्बत के जमानें हैं
मेरे गीतों में जो तुमने
सुने यादों के किस्से है
मोहब्बत के तरानें तो
अभी तुमको सुनाने हैं


Mohabbat Par Urdu Shayari


अगर तुम कहो तो मैं फूल बन जाऊं
ज़िंदगी का तुम्हारी एक उसूल बन जाऊं
सुना है की रेत पर चलने से तुम महक जाते हो
कहो तो अबके ज़मीन की धूल ही बन जाऊं
नायाब है वो लोग जिन्हे तुम अपना कहते हो
इज़ाज़त दो की मैं भी इस क़दर अनमोल बन जाऊं


Mohabbat Par Urdu Shayari

सवाल कुछ भी हो ?
जवाब तुम ही हो
रास्ता कोई भी हो ?
मंज़िल तुम ही हो
दुख कितना भी हो ?
खुशी तुम ही हो
अरमान कितने भी हो ?
आरज़ू तुम ही हो
गुस्सा कितना भी हो ?
प्यार तुम ही हो
खवाब कोई भी हो ?
उस मे तुम ही हो
क्यूंकी तुम ही हो
अब तुम ही हो
मेरी आशिक़ी अब तुम ही हो


Ishq Par Urdu Shayari


तेरे हाथ की मैं वो लकीर बन जाऊं
सिर्फ़ मैं ही तेरा मुक्क्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं
मैं तुझे इतना चाहूँ क तू भूल जाए हर रिश्ता
सिर्फ़ मैं ही तेरे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं
तू आँखें बंद करे तो आऊं मैं ही नज़र
इस तरह मैं तेरे हर खवाब की तदबीर बन जाऊं


हम तो न इश्क करते हैं न मोहब्बत
हम तो बस आपकी एक
मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं
आपके नाम ये खुला पैगाम लिखते हैं
आपकी याद में गुजरी वो शाम लिखते हैं
वो कलम भी आपकी दीवानी हो जाती है
जिससे हम आपका नाम लिखते हैं


अगर रुकने लगे साँसे मेरी तो
मेरे पास आ जाना
अपनी गोद मे रखकर सिर मेरा मुझे सहलाना
कुछ पल ही सही हम सारी
तन्हाई की दास्तान बयान कर देंगे
फिर मेरी कहानी सुनकर थोड़ा गुमसुम हो जाना
रोना मत वरना हमे भी रोना आ जाएगा
बस एक बार मुस्कुरा कर प्यार से हमे सुला जाना