Ajnabi Shayari


Shehar Tanhai Yaad Ajnabi Shayari

अजनबी शहर के अजनबी रास्ते
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे
मैं बहुत देर तक यूँ ही चलता रहा
तुम बहुत देर तक याद आते रहे


Duniya Aankh Sailaab Ajnabi Shayari

इस अजनबी दुनिया में अकेली ख्वाब हूँ मैं
सवालो से खफा छोटी सी जवाब हूँ मैं
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे
दिल से पूछोगे तो दर्द की सैलाब हूँ मैं


इस शहर की भीड़ में चेहरे सारे अजनबी
रहनुमा है हर कोई पर रास्ता कोई नहीं
अपनी-अपनी किस्मतों के सभी मारे यहाँ
एक-दूजे से किसी का वास्ता कोई नहीं


Ajnabi Love Shayari


Taqdeer Inkaar Ikraar Ajnabi Love Shayari

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है
इन्कार करने पर चाहत का इकरार क्यों है
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है


Pehchan Shayari अजनबी शायरी Stranger Quotes Hindi

बदल लेंगे हम खुद को इतना
की तुम भी न पहचान पाओगे
हमें अगर कभी सोचोगे हमारे बारे में
हमें पूरी तरह अजनबी पाओगे


अजनबी शायरी


उम्र भर चाहा के ज़मीन-ओ-आसमान हमारा होता
काश कहीं तो ख्वाहिशों का भी कोई किनारा होता
यह सोच के उस मुसाफिर को रोका ही नहीं
दूर जाता ही क्यों अगर वो हमारा होता


हम तो यूँ अपनी ज़िन्दगी से मिले
अजनबी जैसे अजनबी से मिले
जिस तरह आप हम से मिलते हैं
आदमी यूँ न आदमी से मिले


अजनबी ख़्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे कि उड़ा भी न सकूँ
फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं दिल की दुनिया
ये तेरा ख़त तो नहीं है कि जला भी न सकूँ


अजनबी बन के हँसा करती है
ज़िंदगी किस से वफ़ा करती है
क्या जलाऊँ मैं मोहब्बत के चराग़
एक आँधी सी चला करती है


Ajnabi Shayari 2 Lines


दिल चाहता है कि फ़िर अजनबी बन कर देखें
तुम तमन्ना बन जाओ हम उम्मीद बन कर देखें


हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में


कल तक सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम
आज दिल की एक एक धड़कन की बंदगी हो तुम


बदला न अपने-आप को जो थे वही रहे
मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे


Ajnabi Shayari In Hindi


सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई


हाल पुछने कल फोन किया तो रिंग बजते ही काट दिया
अजनबी बनकर आज संदेश भेजा तो फिर घण्टो बात किया


प्यार का ज़ज़्बा भी क्या क्या ख्वाब दिखा देता है
अजनबी चेहरों को महबूब बना देता है


कोई अजनबी ख़ास हो रहा है
लगता है फिर प्यार हो रहा है


अजनबी कोई समझ लेता है कोई अन्जान समझ लेता है
दिल है दीवाना हर तबस्सुम को जान पहचान समझ लेता है


Ajnabi Shayari For Facebook


हम कुछ ना कह सके उनसे इतने जज्बातों के बाद
हम अजनबी के अजनबी ही रहे इतनी मुलाकातो के बाद


अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ


अगर तुम अजनबी हो तो लगते क्यों नहीं
और अगर मेरे हो तो मिलते क्यों नहीं


अजनबी ही रह गए कितनी मुलाक़ातों के बाद
कितनी बातें अनकही ही रह गई बातों के बाद


साथ बिताए वो पल फिर से भूल जाते है
चल फिर से अजनबी होने का खेल दिखाते है


Stranger Quotes In Hindi


अजनबी था तो मेरे जवाबों पर तुम्हे यकीन था
कम्बख्त जान का सबब बन गयी है ये जान पहचान


उसकी हर एक शिकायत देती है मुहब्बत की गवाही
अजनबी से वर्ना कौन हर बात पर तकरार करता है


वजह पुछने का तो मौका ही कहाँ मिला
वो लहजे बदलते गये और हम अजनबी बनते गये


मंजिल का नाराज होना भी जायज था
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे


हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है
हम हैं मुसाफ़िर ऐसे जो मंज़िल से आए हैं


काश की मिल जाए मुझे मुक़द्दर की कलम
लिख दू लम्हा लम्हा खुशी एक अजनबी की ज़िन्दगी के लिए


इस अजनबी शहर में पत्थर कहां से आया है
लोगों की भीड़ में कोई अपना ज़रूर है


Ajnabi Sad Shayari


बेनाम आरजू की वजह ना पूछिए
कोई अजनबी था रूह का दर्द बन गया


अजनबी बनकर निकल जाओ तो अच्छा है
सुलग जाती है उम्मीदें बेवजह


जहाँ भूली हुई यादें दामन थाम लें दिल का
वहां से अजनबी बन कर गुज़र जाना ही अच्छा है


तेरा नाम था आज किसी अजनबी की ज़ुबान पे
बात तो ज़रा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया


मेरे अज़ीज़ ही मुझ को समझ न पाए हैं
हम अपना हाल किसी अजनबी से क्या कहते


इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर


मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं
मुझे गैर कहने वाले तेरी बात मे दम है


अजनबी तो हम तब भी नही थे
जब हम अजनबी थे


खुशी देने वाले अपने तो होते ही है
पर गम देने वाले भी अजनबी नही होते


चेहरे अजनबी हो जाये तो
कोई बात नहीं लेकिन
रवैये अजनबी हो जाये तो
बड़ी तकलीफ देते हैं


कभी अनजान राहों पर भी मेरा नाम लिखते थे
वो मेरे शहर में बसते हैं अब अजनबी बन कर


जिंदगी अजनबी मोड़ पर ले आई है
तुम चुप हो मुझ से और मैँ चुप हूँ सबसे


Ajnabi Par Shayari


उस अजनबी से हाथ मिलाने के वास्ते
महफ़िल में सब से हाथ मिलाना पड़ा मुझे


ख़ुद को कितना भुला दिया मैंने
तू भी अब अजनबी सा लगता है


महफ़िलों में फिरता रहता हूँ अजनबी सा
तन्हाइयों में भी तन्हाईयाँ नसीब नहीं होती


इस दुनिया मे अजनबी रहना ही ठीक है
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर


अजनबी थे तो अच्छा था
इस जान पहचान ने कम्बखत फासले बढ़ा दिए


मैं तो खुद अपने लिए अजनबी हूँ तू बता
मुझ से जुदा हो कर तुझे कैसा लगा


ऐसा न हो कि ताज़ा हवा अजनबी लगे
कमरे का एक-आध दरीचा खुला भी रख


चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही
लेकिन रवैये अजनबी हो जाये तो बड़ी तकलीफ देते हैं


हमसफ़र की तरह वो चला था मगर
रास्ते भर रहा अजनबी अजनबी


चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं लेकिन
रवैये अजनबी हो जाये तो बड़ी तकलीफ देते हैं


न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए
की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता है


कितनी अजनबी हैं ये रातें ये दिन
बेगानी सी लगती हैं तुम बिन


Ajnabi Dost Shayari


अजनबी शहर में एक दोस्त मिला
वक्त नाम था पर जब भी मिला मजबूर मिला


Ajnabi Friendship Shayari


अगर दोस्त ना मिलते तो कभी यकीन नहीं होता की
अजनबी लोग भी अपनों से ज्यादा प्यारे हो सकते है


वक्त ने बदल दी तेरे मेरे रिश्ते की परिभाषा
पहले दोस्ती फिर अपनापन और अब अजनबी सा अहसास


अजीब हाल में पहुंच गई है जिंदगी
अब ना कोई अजनबी रहा ना कोई अपना


अजनबी तो हम जमाने के लिए हैं
आपसे तो हम शायरियों में मुलाकात कर लेते है


जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई


वजह तक पूछने का मौका ही ना मिला
बस लम्हे गुजरते गए और हम अजनबी होते गए


फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया
ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ


Ajnabi Status


कभी कभी तो किसी अजनबी के मिलने पर
बहुत पुराना कोई सिलसिला निकलता है


तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया


अफसोस अपने सारे रिश्तों से अजनबी हो गये
एक अजनबी से रिश्तों को अपना बनाने की खातिर


कल तक तो सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम
आज दिल की हर एक धड़कन पर हुकूमत है तुम्हारी


वो एक दिन एक अजनबी को
मेरी कहानी सुना रहा था


आँखें भिगोने लगी है अब तेरी बातें
काश तुम अजनबी ही रहते तो अच्छा होता