Baat Par Shayari
जब रो रहे थे हम अपने हालात परसब मुस्कुरा रहे थे जाने किस बात परहम जिन्दगी की आग में यूँ झुलस गयेकि यकीं नहीं होता अब बरसात पर
बात कुछ और होती हैबयाँ कुछ और करते हैख़फा जब तुमसे होते हैतो जुल्म खुद पर करते है
काँटों पर चलकर फूल खिलते हैंविश्वास पर चलकर भगवान मिलते हैंएक बात याद रखना दोस्त सुख में सब मिलते हैलेकिन दुख में सिर्फ भगवान मिलते है
कुछ दूर मेरे साथ चलोहम सारी कहानी कह देंगेसमझे ना तुम जिसे आँखों सेवो बात मुँह जबानी कह देंगे
Baat Shayari 2 Line
माना तुम मेरे नही पर मुलाक़ात कर लोहोठों से ना सही आँखों से ही बात कर लो
आप और आपकी हर बात मेरे लिए ख़ास हैशायद यही मोहब्बत का पहला एहसास है
सफ़ल रिश्तों के यही उसूल हैंबातें भूलिए जो फ़िजूल है
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क्यूँ शक करती हो जरा-जरा सी बात परदेख तेरी ही लकीर है मेरे दोनों हाथ पर
तुम होशियार हो ये अच्छी बात हैपर दूसरों को मूर्ख न समझना सबसे बड़ी बात है
Baat Nahi Karne Par Shayari
आओ कुछ इस तरह से बात करते हैइक-दुसरे के दिल का घाव भरते है
जरूरी नही कि तू मेरी हर बात समझेजरूरी ये है कि तू मुझे कुछ तो समझे
होश का पानी छिड़को मदहोशी की आँखों परअपनों से न उलझों गैरों की बातों पर
बस एक बात की उस को खबर ज़रूरी हैके वो हमारे लिये किस क़दर ज़रूरी है
मेरी पलकों की नमी इस बात की गवाह हैमुझे आज भी तुमसे मोहब्बत बेपनाह है
तुम दूर हो मुझसे मैं परेशान नहीं होतीपर किसी और के इतना पास होबात तो यह बर्दाश्त नहीं होती
Baat Na Hone Par Shayari
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती हैरोज मिलते हैं मगर बात नहीं होती है
बहुत खूबसूरत वो रातें होती हैजब तुमसे दिल की बातें होती है
चंद ख़ामोश ख्याल और तेरी बातेंखुद से गुफ्तगू में गुजर जाती है रातें
वो और उसकी हर बात मेरे लिए ख़ास हैयही शायद मुहब्बत का पहला एहसास है
क्या सच में प्यार करते होफिर भूल जाने की बात क्यों करते हो
Baat Na Karne Par Shayari
मैं शिकायत क्यों करू ये तो किस्मत की बात हैतेरी सोच में भी नहीं मैं मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद है
मन की बात कह देने से फैसले हो जाते हैंऔर मन में रख लेने से फ़ासले हो जाते है
जिसे निभा न सकूँ, ऐसा वादा नहीं करतामैं बातें अपनी औकात से ज्यादा नहीं करता
बस एक बात की उस को खबर जरूरी हैकि वो हमारे लिए किस कदर जरूरी है
बात-बात पर ये मुस्कुराते हो क्यों बार-बारजान लेने के और भी तरीके हैं हजार
Baat Karne Par Shayari
एक बात पुछु जवाब मुस्कुराके देनामुझे रुला कर खुश तो होना
दिल की बात अल्फ़ाजों से किया करता हूँलोगों की जुबां पे नहीं दिलों में रहा करता हूँ
ना जाने वो कौन सी बात थी जो ज़हन में आती रहीसमझा नहीं कुछ दिल पर दिनभर मुझे रुलाती रही
मैं फिर आज उससे बात करते-करते बचा हूँमैं फिर आज मरते-मरते बचा हूँ
Ek Zara Si Baat Par Barson Shayari
जरा सी बात पर बरसों के याराने गयेलेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गये
नींद उड़ा कर मेरी कहते है वो कि सो जाओ कल बात करेंगेअब वो ही हमें समझाए कि कल तक हम क्या करेंगे
रूबरू होने की तो छोड़ियेलोग गुफ्तगू से भी कतराने लगे हैगुरूर ओढ़े हैं रिश्तेअपनी हैसियत पर इतराने लगे है
हर फूल को रात की रानी नही कहतेहर किसी से दिल की कहानी नही कहते
जिससे किया करते थे रात भर बातेंअब सिर्फ उसकी बात किया करते हैं
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले कोक्यू कि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता
संघर्षो में यदि कटता है तो कट जाए सारा जीवनकदम-कदम पर समझौता मेरे बस की बात नहीं
महसूस कर रहे हैं तेरी लापरवाई कुछ दिनों सेयाद रखना अगर हम बदल गये तो मनाना तेरे बस की बात नही
पागल नहीँ थे हम जो तेरी हर बात मानते थेबस तेरी खुशी से ज्यादा कुछ अच्छा ही नहीँ लगता था
मेरी तबाही का इलज़ाम अब शराब पर हैकरता भी क्या बात जो तुम पर आ रही थी
पागल नहीं थे हम जो तेरी हर बात मानते थेबस तेरी खुशी से ज्यादा कुछ अच्छा ही नही लगता था
तु मिले या न मिले ये मेरे मुकद्दर की बात हैसुकुन बहुत मिलता है तुझे अपना सोचकर
इसी बात ने उसे शक में डाल दिया हो शायदइतनी मोहब्बत उफ्फ कोई मतलबी हीं होगा
यकीन रखो इस बात परजो तुम्हारा है वो तुम्हें ही मिलेगा
हमें आदत नहीं हर एक पे मर मिटने कीतुझे में बात ही कुछ ऐसी थीदिल ने सोचने की मोहलत ना दी
हम ना होंगे तो तुम्हें मनाएगा कौनयूँ बात-बात पर रूठा ना करो
ये बात और है कि इज़हार ना कर सकेँनहीँ है तुम से मोहब्बत भला ये कौन कहता है
कोई चाहत की बात करता हैतो कोई चाहने कीरोज़ सोचती हूँ भूल जाऊँ तुम्हेंफिर रोज़ ही ये बात भूल जाती हूँ
किताबों के पन्नो को पलट के सोचता हूँयूँ पलट जाए मेरी ज़िंदगी तो क्या बात है
बस एक यही बात उसकी मुझे अच्छी लगती हैउदास कर के भी कहती है तुम नाराज़ तो नहीं हो ना
तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हमप्यार की बात न सही कोई शिकायत ही कर दे
ख्वाबों मे रोज मिलता है जोहक़ीकत में आए तो क्या बात है
जरा सी बात होती है तो तन्हा छोड़ जाते हैमोहब्बत कर के लोगो से सम्भाली क्यों नही जाती
देखे जो बुरे दिन तो ये बात समझ आईइस दौर में यारों का औकात से रिश्ता है
बात ही बात में बात बिगड़ जाती हैइंसान की फितरत समझ में नही आती है
मुझे हर बात पर यूँ लड़ना अच्छा नही लगताअच्छा लगता है लड़ने के बाद प्यार जताना
इत्र से कपड़ो का महकाना कोई बड़ी बात नही हैमजा तो तब है जब आपके किरदार से ख़ुशबू आयें
तुझसे अच्छे तो मेरे दुश्मन निकलेजो हर बात पर कहते हैं तुम्हें नहीं छोड़ेंगे
जिस इंसान की हर बात आपको सोचने पर मजबुर कर देउस इंसान के साथ कभी दुश्मनी मत करो
इतर से कपड़ों का महकाना कोई बड़ी बात नहीं हैमज़ा तो तब है जब आपके किरदार से खुशबु आये
केवल अल्फ़ाज़ों की बात थी पगलीजज़्बात तो तुम वैसे भी नहीं समझती
आज तो बे-सबब उदास है जीइश्क़ होता तो कोई बात भी थी
कुछ तो बात है मेरी मेहमान-नवाजी मेंकि ग़म एक बार आते है तो जाने का नाम नहीँ लेते
दिल दुखाया करो इजाज़त हैभूल जाने की बात मत करना
ये बात किसने उड़ाई की मुझे इश्क है तुमसेहाँ तुमको यकीं आये तो अफवाह नही हैं ये
हम दोनों ही डरते थे एक दूसरेसे बात करने मेमुझे मोहब्बत हो गई थी इसलिएऔर उसे मोहब्बत न हो जाए इसलिए
जब भी हो थोड़ी फुरसत मन की बात कह दीजियेबहुत ख़ामोश रिश्ते ज़्यादा दिनों तक ज़िंदा नहीं रहते
भूलना चाहता हूँ हर रोज तुझेयही बात हर रोज भूल जाता हूँ
ज़रा सा बात करने का सलीक़ा सीख लो तुम भीइधर तुम होठ हिलाते हो उधर दिल टूट जाते है
सिर्फ़ एक सफ़ाह पलटकर उसनेबीती बातों की दुहाई दी हैफिर वहीं लौट के जाना होगायार ने कैसी रिहाई दी है
कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना मतबात उन्हीं की होती है जिनमें कोई बात होती है
मेरी आँखों की नमी से समझ लेनाहर बात को हम जुबानी नही कहते
किस बात पर मिजाज बदला-बदला सा हैशिकायत है हमसे या ये असर किसी और का है
तेरे लहजे में लाख मिठास सही मगरमुझे जहर लगता है तेरा औरों से बात करनाये और बात हैं के मुझेये साबित करना नहीं आया
फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फासले बड़ा दिए वरनासब यार एक साथ थे अभी कल ही की तो बात है
मंज़िल पाना तो बहुत दूर की बात हैंगुरूर में रहोगे तो रास्ते भी न देख पाओगे
हाथ पर हाथ रखा उसने तो मालूम हुआअनकही बात को किस तरह सुना जाता है
जरूरी नही पगली तुम मुझसे बात करोहम तो तुम्हे ऑनलाईन देखकर ही खुश हो लेते है
तेरे लिए इस दिल ने कभी बुरा नही चाहाहां यह और बात है किमुझे साबित करना नही आया
कितनी अजीब बात है कीजब हम गलत होते है तो समझौता चाहते हैंऔर दुसरे गलत होते है तो हम न्याय चाहते हैं
बहुत जल्दी सीख लेते है जिंदगी के सबकगरीब के बच्चे बात-बात पर जिद नही करते
एक वक्त था जब बाते हीखत्म नहीं होती थीआज सबकुछ खत्म हो गयामगर बात ही नहीं होती
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार पेअगर में तेरे हि अंदाज मे तुझसे बात करुं
आप छेड़े न वफ़ा का किस्साबात में बात निकल आती है
तेवर और जेवर सम्भाल के रखने की चीज हैयूँ बात-बात पे हर किसी को दिखाए नहीं जाते
बात ये नही है कि तेरे बिना जी नही सकतेबात ये है कि तेरे बिना जीना नही चाहते
रूको एक बात गौर से सुन लोतुम्हारा दिल हमारा है अब जाओजो दिल में आये करो
यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थीआज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया
जो ख़्वाबों में रोज मिलता हैहकीकत में आये तो क्या बात है
मुद्दतों बाद जब उनसे बात हुई तो बातों बातों में मैंने कहाकुछ झूठ ही बोल दो और वो हँस के बोलेतुम्हारी याद बहुत आती है
सबको गोली की तरह लगती है बातें मेरीइस का मतलब है अच्छा है निशाना मेरा
सुनकर जमाने की बातेंतू अपनी अदा मत बदलयकीं रख अपने ख़ुदा परयूँ बार-बार ख़ुदा मत बदल
एक ही बात इन लकीरों में अच्छी हैधोखा देती हैं मग़र रहती हाथों में ही हैं
इक बात हमेशा याद रखनातुम्हारे जीतने सौख है उतनी तो मेरी आदतें है
तुम मेरे हो इस बात में कोई शक नहींपर तुम किसी और के नहीं होगेबस इस बात का यकीन दिला दो
धड़कनों की यही तो खास बात हैभरे बाज़ार में भी किसी एक को सुनाई देती है
यहाँ किसको किसकी फ़िक्र हैसब बातें दिल रखने के लिए होती है
यूँ बात-बात पर जान हाज़िर मत कीजिये जनाबलोग मतलबी होते है कहीं माँग न ले
हर बात पर मुस्कुराना ही बेहतर हैअब थप्पड़ तो हर किसी को मार नहीं सकते
बात ये नहीं है कि तेरे बिना जी नहीं सकतेबात ये हैं कि तेरे बिना जीना नहीं चाहते
मेरे दिल में तो आज भी तुम मेरे ही होये और बात है हाथ की लकीरों ने दगा किया
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिनाकभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना
कुछ नशा तो आपकी बात का हैकुछ नशा तो आधी रात का है हमे आप यूँ ही शराबी ना कहियेइस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है
हुस्न हर बार शरारत में पहल करता हैबात बढती है तो इश्क के सर आती है
एक वक्त था जब बातें खत्म नहीं हुआ करती थीआज सब खत्म हो गया पर बात नहीं होती
फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़फिर एक ज़रा सी बात पर जीना पड़ा मुझे
वो खुद पर गरूर करते हैतो इसमें हैरत की कोई बात नहींजिन्हें हम चाहते हैवो आम हो ही नहीं सकते
बातें तो हर कोई समझ लेता हैमगर हम वो चाहते है जो हमारी ख़ामोशी को समझे
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