Bachpan Shayari
ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लोभले छीन लो मुझ से मेरी जवानीमगर मुझ को लौटा दो बचपन का सावनवो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी
ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डरबस अपनी ही धुन बस अपने सपनो का घरकाश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर
बचपन की कहानी याद नहींबातें वो पुरानी याद नहींमाँ के आँचल का इल्म तो हैपर वो नींद रूहानी याद नहीं
बचपन शायरी
ईमान बेचकर बेईमानी खरीद लीबचपन बेचकर जवानी खरीद लीन वक़्त, न खुशी, न सुकूनसोचता हूँ ये कैसी जिन्दगानी खरीद ली
आशियाने जलाये जाते हैं जब तन्हाई की आग सेतो बचपन के घरौंदो की वो मिट्टी याद आती हैयाद होती जाती है जवां बारिश के मौसम में तोबचपन की वो कागज की नाव याद आती है
बचपन शायरी 2 लाइन
जो सपने हमने बोए थे नीम की ठंडी छाँवों मेंकुछ पनघट पर छूट गए कुछ काग़ज़ की नावों में
फ़क़त माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर अच्छा नहीं लगताजहाँ बच्चे नहीं होते वो घर अच्छा नहीं लगता
इतनी चाहत तो लाखो रुपए पाने की भी नहीं होतीजितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है
See More :- Hindi Shayari
मुमकिन है हमें गाँव भी पहचान न पाएबचपन में ही हम घर से कमाने निकल आए
मै उसको छोड़ न पाया बुरी लतों की तरहवो मेरे साथ है बचपन की आदतों की तरह
असीर-ए-पंजा-ए-अहद-ए-शबाब कर के मुझेकहाँ गया मिरा बचपन ख़राब कर के मुझे
Bachpan Ki Shayari
एक हाथी, एक राजा, एक रानी, के बग़ैरनींद बच्चों को नहीं आती कहानी के बग़ैर
बचपन की दोस्ती थी बचपन का प्यार थातू भूल गया तो क्या तू मेरे बचपन का यार था
कौन कहे मासूम हमारा बचपन थाखेल में भी तो आधा आधा आँगन था
मुखौटे बचपन में देखे थे मेले में टंगे हुएसमझ बढ़ी तो देखा लोगों पे चढ़े हुए
Shayari On Bachpan
बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हेंआँसू बहाऊँ पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें
मेरे रोने का जिस में क़िस्सा हैउम्र का बेहतरीन हिस्सा है
वक्त से पहले ही वो हमसे रूठ गयी हैबचपन की मासूमियत न जाने कहाँ छूट गयी है
Mera Bachpan Shayari
हंसने की भी वजह ढूँढनी पड़ती है अबशायद मेरा बचपन खत्म होने को है
एक इच्छा है भगवन मुझे सच्चा बना दोलौटा दो मेरा बचपन मुझे बच्चा बना दो
बचपन पर शायरी
होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता थासुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हमये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम
आसमान में उड़ती एक पतंग दिखाई दीआज फिर से मुझ को मेरी बचपन दिखाई दी
खुदा अबके जो मेरी कहानी लिखनाबचपन में ही मर जाऊ ऐसी जिंदगानी लिखना
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा थाखेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था
बचपन पर कविता | Poetry On Childhood
अब तो खुशियाँ हैं इतनी बड़ीचाँद पर जाकर भी ख़ुशी नहींएक मुराद हुई पूरी कि दूसरी आ गयीकैसे हो खुश हम कोई बता दोअब तो बस दुःख भी हैं इतने बड़ेकि हर बात पर दिल टुटा करता है
वो क्या दिन थेमम्मी की गोद और पापा के कंधेन पैसे की सोच और न लाइफ के फंडेन कल की चिंता और न फ्यूचर के सपनेअब कल की फिकर और अधूरे सपनेमुड़ कर देखा तो बहुत दूर हैं अपनेमंजिलों को ढूंडते हम कहॉं खो गएन जाने क्यूँ हम इतने बड़े हो गए
एक बचपन का जमाना थाजिस में खुशियों का खजाना थाचाहत चाँद को पाने की थीपर दिल तितली का दिवाना थाखबर ना थी कुछ सुबहा कीना शाम का ठिकाना थाथक कर आना स्कूल सेपर खेलने भी जाना थामाँ की कहानी थीपरीयों का फसाना थाबारीश में कागज की नाव थीहर मौसम सुहाना थाहर खेल में साथी थेहर रिश्ता निभाना थागम की जुबान ना होती थीना जख्मों का पैमाना थारोने की वजह ना थीना हँसने का बहाना थाक्युँ हो गऐे हम इतने बड़ेइससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था
Bachpan Ki Dosti Shayari
चार दोस्तदो साइकिलखाली जेबऔर पूरा शहरजनाब, हमारा एक खूबसूरत दौरये भी था ज़िंदगी काउस दौर में हम सोचा करते थे कीकुछ बेहतर हासिल करेंगेहमें क्या पता था कीउससे बेहतर कुछ था ही नहीं
दौड़ने दो खुले मैदानों मेंइन नन्हें कदमों को जनाबजिंदगी बहुत तेज भगाती हैबचपन गुजर जाने के बादबचपन की वो यादें अब भी आती हैंरोते में अब भी वो हँसा जाती हैं
चलो फिर से बचपन में जाते हैंखुदसे बड़े-बड़े सपने सजाते हैंसबको अपनी धुन पर फिर से नचाते हैंसाथ हंसते हैं, थोड़ा खिलखिलाते हैंजो खो गयी है बेफिक्री उसे ढूंढ लाते हैंचलो फिर से बचपन में जाते हैं
Bachpan Ki Yaadein
सुना है अब बड़े हो गए है हमअब जो अपने पैरो पे खड़े हो गये है हमइक वो शाम होती थी, जो दोस्तों के नाम होती थीइक शाम आज होती है, सिर पर दिन भर की थकान होती हैअब समझ है हमें अपनी जिम्मेदारियों कीभला किसे जरुरत है अब यार और उनकी यारियों कीवो दादी की कहानियां कितनी सच्ची लगती थींझूठी थी पर फिर भी अच्छी लगती थीये वो दौर था जब बच्चे थे हमकितना झूठ बोलते थे पर दिल के सच्चे थे हमबचपन से हर शख्स याद करना सिखाता रहाभूलते कैसे है, बताया नही किसी नेवक़्त भी बदला है थोड़ा बदले है हमबचपन तो चला गया, पर दिल से बच्चे है हमखबर है हमें वो वक़्त लौट के ना आएगानादान ये दिल फिर भी उन यादों को दोहराएगा
बचपन की बात ही कुछ और थी मेरे दोस्तजब घाव दिल पर नही हाथ-पैरों पर हुआ करते थेजब आँसू छुपाने के लिए तकिया नही माँ का आँचल जरूरी होता थाजब रोने के लिए नींद नही नींद के लिए रोया करते थेजब ख़ुशी प्यार के चंद पलों में नही अच्छे गुण मिलने पर होती थीजब डर दिल के टुकड़े होने का नही पेन्सिल की नोख टूटने का होता थाजब घबराहट नए चेहरों की नही नए शिक्षकों की होती थीजब संभलने के लिए एकांत वक़्त नही माँ की बाते होती थीबचपन तो बीत गया पर बचपना कभी बीतना नही चाहिए
Childhood Quotes In Hindi
बचपन में जहाँ चाहा हँस लेते थेजहाँ चाहा रो लेते थे और अबमुस्कान को तमीज चाहिएऔर आंसुओं को तन्हाई
मैं ने बचपन में अधूरा ख़्वाब देखा था कोईआज तक मसरूफ़ हूँ उस ख़्वाब की तकमील में
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होताऔर बचपन में जी भरकर रोया करते थे
तभी तो याद है हमे हर वक़्त बस बचपन का अंदाज,आज भी याद आता है बचपन का वो खिलखिलानादोस्तों से लड़ना, रूठना, मनाना
Bachpan Shayari In Hindi
आजकल आम भी पेड़ से खुद गिरके टूट जाया करते हैंछुप छुप के इन्हें तोड़ने वाला अब बचपन नहीं रहा
बचपन भी कमाल का थाखेलते खेलते चाहें छत पर सोयेंया ज़मीन परआँख बिस्तर पर ही खुलती थी
बचपन में आकाश को छूता सा लगता थाइस पीपल की शाख़ें अब कितनी नीची हैं
बाग़ में तितली को पकड़ खुश होनातारे तोड़ने जितनी ख़ुशी देता था
इक खिलौना जोगी से खो गया था बचपन मेंढूँढता फिरा उस को वो नगर नगर तन्हा
कौन कहता है कि बचपन वापस नही आतादो घड़ी अपनी माँ के पास बैठ कर तो देखोखुद को बच्चा महसूस ना करो तो फिर कहना
Shayari For Bachpan
हम भी मुस्कराते थे कभी बेपरवाह अन्दाज़ सेदेखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में
लगता है माँ बाप ने बचपन में खिलौने नहीं दिएतभी तो पगली हमारे दिल से खेल गयी
किसने कहा नहीं आती वो बचपन वाली बारिशतुम भूल गए हो शायद अब नाव बनानी कागज़ की
बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे जहां चाहा रो लेते थेपर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए और आंसूओं को तनहाई
कितने खुबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिनसिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी
अब तक हमारी उम्र का बचपन नहीं गयाघर से चले थे जेब के पैसे गिरा दिए
Shayari On Bachpan In Hindi
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्तबचपन वाला इतवार अब नहीं आता
चील उड़ी, कौआ उड़ा,बचपन भी कहीं उड़ ही गया
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन सेकहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलते हैं
मैं बचपन में खिलौने तोड़ता थामिरे अंजाम की वो इब्तिदा थी
देखो बचपन में तो बस शैतान थामगर अब खूंखार बन गया हूँ
लौटा देती ज़िन्दगी एक दिन नाराज़ होकरकाश मेरा बचपन भी कोई अवार्ड होता
किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैंटिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है
Bachpan Par Shayari
बड़ी हसरत से इंसाँ बचपने को याद करता हैये फल पक कर दोबारा चाहता है ख़ाम हो जाए
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थीअब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है
आते जाते रहा कर ए दर्दतू तो मेरा बचपन का साथी है
चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलेंबड़ी मुद्दत हुई बेवजह हँसकर नही देखा
ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथबचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है
Shayari On Bachpan Ki Yaadein
वो बचपन भी क्या दिन थे मेरेन फ़िक्र कोई न दर्द कोईबस खेलो, खाओ, सो जाओबस इसके सिवा कुछ याद नही
जिस के लिए बच्चा रोया था और पोंछे थे आँसू बाबा नेवो बच्चा अब भी ज़िंदा है वो महँगा खिलौना टूट गया
कुछ नहीं चाहिए तुझ से ऐ मेरी उम्र-ए-रवाँमेरा बचपन, मेरे जुगनू, मेरी गुड़िया ला दे
दूर मुझसे हो गया बचपन मगरमुझमें बच्चे सा मचलता कौन है
दहशत गोली से नही दिमाग से होती हैऔर दिमाग तो हमारा बचपन से ही खराब है
वो बचपन की नींद अब ख्वाब हो गईक्या उमर थी कि शाम हुई और सो गये
Bachpan Wali Shayari
कुछ अपनी हरकतों सेतो कुछ अपनी मासूमियत सेउनको सताया था मैंनेकुछ वृद्धों और कुछ वयस्कों कोइस तरह उनके बचपन से मिलाया था मैंने
जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरहमैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे
काश मैं लौट जाऊं बचपन की उन हसीं वादियों मेंऐ जिंदगी जब न तो कोई जरूरत थी और न ही कोई जरूरी था
फिर से बचपन लौट रहा है शायदजब भी नाराज होता हूँ खाना छोड़ देता हूँ
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल मेंवो नादान बचपन भी कितना प्यारा था
कितना आसान था बचपन में सुलाना हम कोनींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर
Bachapan Ki Mohabbat Shayari
चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े सेवो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं
कितने खुबसूरत हुआ करते थेबचपन के वो दिनसिर्फ दो उंगलिया जुड़ने सेदोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी
बचपन में लगी चोट पर मां की हल्की-हल्की फूँकऔर कहना कि बस अभी ठीक हो जाएगावाकई अब तक कोई मरहम वैसा नहीं बना
देर तक हँसता रहा उन पर हमारा बचपनाजब तजुर्बे आए थे संजीदा बनाने के लिए
बचपन में हम ही थे या था और कोईवहशत सी होने लगती है यादों से
याद आता है वो बीता बचपनजब खुशियाँ छोटी होती थी
New Bachpan Status
मेरा बचपन भी साथ ले आयागाँव से जब भी आ गया कोई
अजीब सौदागर है ये वक़्त भीजवानी का लालच दे के बचपन ले गया
दुआएँ याद करा दी गई थीं बचपन में सोज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा मेंफिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते
कोई मुझको लौटा दे वो बचपन का सावनवो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी
बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा गाँवजब से डिग्रियाँ समझ में आई पाँव जलने लगे
बचपन में कितने रईस थे हमख्वाहिशें थी छोटी-छोटी बस हंसना और हंसानाकितना बेपरवाह था वो बचपन
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