Husn Shayari

Husn Shayari

चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है
बच के रहना इन हुस्न वालों से यारो
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं


Husn Shayari In Hindi

Husn Par Shayari

शरीके-ज़िंदगी तू है मेरी मैं हूँ साजन तेरा
ख्यालों में तेरी ख़ुश्बू है चंदन सा बदन तेरा
अभी भी तेरा हुस्न डालता है मुझको हैरत में
मुझे दीवाना कर देता है जलवा जानेमन तेरा


बादलों में छुप रहा है चाँद क्यों
अपने हुस्न की शोखियों से पूछ लो
चांदनी पड़ी हुई है मंद क्यों
अपनी ही किसी अदा से पूछ लो


हुस्न वालों के पीछे दीवाने चले आते है
शमा के पीछे परवाने चले आते है
तुम भी चली आना मेरे जनाजे के पीछे
उसमे अपने तो क्या बेगाने भी चले आते है


Shayari On Husn

Shayari On Husn

तेरा हुस्न एक जवाब मेरा इश्क एक सवाल ही सही
तेरे मिलने कि ख़ुशी नही तुझसे दुरी का मलाल ही सही
तू न जान हाल इस दिल का कोई बात नही
तू नही जिंदगी मे तो तेरा ख़याल ही सही


Love Shayari For Girl Friend, Husn Shayari

एक हुस्न की परी को मैं अपना दिल दे बैठा
अपनी ज़िन्दगी को एक मकसद दे बैठा
पता नहीं वो मुझे चाहती है या नहीं
बस यही ख्याल मुझे भी ले बैठा


दर्दे दिल की दवा नहीं करते
ये करम दिलरुबा नहीं करते
चोट खाई तो ये यकीन हुआ
हुस्न वाले कभी दुआ नहीं करते

हुस्न शायरी


तुझे क्या कहूं तू है मरहबा तेरा हुस्न जैसे है मयकदा
मेरी मयकशी का सुरूर है तेरी हर नजर तेरी हर अदा
तेरे इख़्तियार में है फिजा तू खिज़ां का जिश्म सवार दे
मुझे रूह से तू नवाज दे मुझे जिंदगी से न कर जुदा

ये तेरा हुस्न औ कमबख्त अदायें तेरी
कौन ना मर जाय अब देख कर तुम्हें
तेरा हुस्न बयां करना नहीं मकसद था मेरा
ज़िद कागजों ने की थी और कलम चल पड़ी

Husn Shayari In Hindi


हुस्न-ए-बेनजीर के तलबगार हुए बैठे हैं
उनकी एक झलक को बेकरार हुए बैठे हैं
उनके नाजुक हाथों से सजा पाने को
कितनी सदियों से गुनाहगार हुए बैठे हैं

चाँद की चाँदनी हो तुम
तारो की रोशनी हो तुम
सुबह की लाली हो तुम
मेरे दिल में बसी हुई एक आशिक़ी हो तुम

खुदा ने जब तुझे बनाया होगा
एक बार उसका ईमान भी डगमगाया होगा
सोचता होगा रख लूँ तुझे अपने साथ जन्नत में
फिर उसे मेरा भी तो ख्याल आया होगा

Husn Par Shayari


तेरे हुस्न की क्या तारीफ लिखूं
तुझे चाँद कहा तो तेरी तोहीन होगी
तेरे लिए ही सजती हैं ये महफिलें
तेरे बिना ये शाम ग़मगीन होगी
तोड़े हैं तूने लाख दिल
हम एक तोड़ेंगे तो सज़ा संगीन होगी

Husn Shayari Hindi

हुस्न और इश्क़ दोनों में तफ़रीक़ है
पर इन्हीं दोनों पे मेरा ईमान है
अगर ख़ुदा रूठ जाए तो सज़दे करूँ
और सनम रूठ जाए तो मैं क्या करूँ


Husn Ki Shayari


तेरा हुस्न जब से मेरी आँखों में समाया है
मेरी पलकों पे एक सुरूर सा छाया है
मेरे चेहरे को हसीन नूर देने वाले
ये तेरे दीदार के लम्हों का सरमाया है

जिस मोड़ पे तू मिल गई
वहां एक नई राह खुल गई
तू नए किरण की बहार है
अब रात भी मेरी ढल गई

हुस्न शायरी, Husn Shayari

हुस्न वाले वफ़ा नहीं करते
इश्क वाले दगा नहीं करते
जुल्म करना तो इनकी आदत है
ये किसी का भला नहीं करते


Husn Pe Guroor Shayari

Husn Pe Guroor Shayari

हुस्न ढल गया गुरूर अभी बाकी है
नशा उतर गया सुरूर अभी बाकी है
जवानी ने दस्तक दी और चली गई
जेहन में वही फितूर अभी बाकी है


हटाये नहीं है तो ये नज़रें तेरे चेहरे से हुज़ूर
हम तेरे कायल है और तुझे है हुस्न का गुरुर

क्यों यह हुस्न वाले इतने मिज़ाज़-ऐ-गरूर होते है
इश्क़ का लेते है इम्तिहान और खुद तालीम-ऐ-जदीद होते है

Husn Ki Tareef Shayari 2 Lines

Husn Ki Tareef Shayari 2 Lines

उसने ऐसी मारी नज़र के मेरे होश उड़ गए
देख कर उसका हुस्न उस से कुछ नाते जुड़ गए


Husn Chand Shayari, Shayari For GF

हुस्न जब नहाता है सरोवर में तो चाँद भी पानी में उतर जाता है
खुद तो शीतल हो जाता है पर पानी में आग लगा जाता है


जिंदगी दिल के राज तभी खोलती है
जब किसी हुस्न की निगाह बोलती है

चेहरों की इतनी फ़िक्र क्यूँ है रंगों की इतनी क़द्र क्यूँ है ?
हुस्न अस्ल किरदार का है गोरा काले से बेहतर क्यूँ है ?

मेरा इश्क भी तेरा हुस्न भी गजलों में आके घुल गई
मेरी शायरी की किताब तू कभी खो गई कभी मिल गई

Husn Shayari 2 Line


ऐ दिल सुना न मुझको बिसरी हुई कहानी
कुछ इश्क की तबाही कुछ हुस्न की जवानी

दुनिया में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे
सदियों तलक जमीं पे तेरी कयामत रहे

तेरा मुस्कुराना देना जैसे पतझड़ में बहार हो जाये
जो तुझे देख ले वो तेरे हुस्न में ही खो जाये

किसी के हुस्न की शम्मा का परवाना हूँ
अक्सर लोग मुझे कहतें हैं मैं दीवाना हूँ

Girl Beauty Quotes In Hindi


पायल तेरी, झुमकी तेरी, और ये जो नथनी नाक की
हुस्न तो जो है सो है ख़लिश हैं लोगों की आंख की

हुस्न-ए-ख़ुमारी का आलम क्या पूछते हो
गजरा, चूड़ी, काजल, बिंदी, उफ्फ्फ तुम क्या पूछते हो

Girl Beauty Quotes In Hindi

तू ही दिल में बसता है
किसी और से हमने क्या करना
मैं गुलाम और तू रानी है हुस्न की
मैंने प्यार का इज़हार क्या करना


तफ़रीक़ हुस्न-ओ-इश्क़ के अंदाज़ में न हो
लफ़्ज़ों में फ़र्क़ हो मगर आवाज़ में न हो

क्यों तुम मेरे ख्यालों में आकर चली जाती हो
अपनी जुल्फों को बिखराकर चली जाती हो

कहाँ तक जफा हुस्न वालों के सहते
जवानी जो रहती तो फिर हम न रहते

सर-ए-आम यूँ ही जुल्फ संवारा न कीजिये
बे-मौत हमको हुस्न से मारा न कीजिये

Natural Beauty Quotes In Hindi


ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा रंगीन तो है बदनाम सही
मुझ पर तो कई इल्ज़ाम लगे तुझ पर भी कोई इल्ज़ाम सही

तेरी सादगी का हुस्न भी लाजवाब है
मुझे नाज़ है के तू मेरा इंतेख़ाब है

ये नाजो-हुस्न तो देखो दिल को तड़पाये जाते है
नजरे मिलाते नही बस मुस्कुराये जाते है

हुस्न पर जब भी मस्ती छाती है तब शायरी पर बहार आती है
पीके महबूब के बदन की शराब जिंदगी झूम-झूम जाती है

होठों पे हंसी रुख पे हया याद रहेगी
ऐ हुस्न तेरी शोख अदा याद रहेगी

कितना मुश्किल है जहाँ मे अच्छा दिलजानी होना
हुस्न के दौर में ईश्क का रूहानी होना

काली लटों का राज ये बहोत गहरा है
हुस्न पर छाया घनी जुल्फों का पहरा है

इश्क़ क्या, हुस्न क्या, फ़साना क्या
हम न होंगे तो ये रंग-ए-ज़माना क्या

Husn Attitude Shayari

पलट कर देख ये ज़ालिम तमन्ना हम भी रखते है
तुम अगर हुस्न रखती हो तो जवानी हम भी रखते है


जाके डसा मांगे ना पानी
हुस्न, इश्क, और जवानी


Inner Beauty Quotes In Hindi

Inner Beauty Quotes In Hindi, Husn Shayari

फूलों सा कोमल चेहरा तेरा तू संगमरमर की मूरत है
तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ तू इतनी खूबसूरत है


इक कांटे का दर्द न सहा जाए वफ़ा ए मोहब्बत तूने क्या करना
तेरा प्यार मारे मुझे हर पल ऐसी मोत में मरे तो क्या मरना


Beauty Quotes In Hindi

ये हुस्न वाले भी देखो क्या गजब ढाते है
कत्त्ल करके नजरों से बे-कसूर कहलाते है


अब रहना उसके बिना दुश्वार सा लगता है
मुझे भी हो गया उसके साथ प्यार सा लगता है

ये शब ओ रोज़ जो इक बे-कली रक्खी हुई है
जाने किस हुस्न की दीवानगी रक्खी हुई है

क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क ने जाना है
हम खाक नशीनो की ठोकर में ज़माना है

Beauty Quotes In Hindi


मैं इज़्ज़त करता हूँ सिर्फ दिल से चाहने वाले की
हुस्न तो आज कल बाज़ार में भी बिकते हैं

रग रग में उमड़ आता है तूफान हुस्न का
तुम जो फूल सा मुस्कुराकर चली जाती हो

तेरे हुस्न का दीवाना तो हर कोई होगा
लेकिन मेरे जैसी दीवानगी हर किसी में नहीं होगी

इश्क़ ने जब माँगा खुदा से दर्द का हिसाब
वो बोले हुस्न वाले ऐसे ही बेवफाई किया करते हैं

इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का
क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम

मुझको मालूम नहीं हुस़्न की तारीफ
मेरी नज़रों में हसीन वो है जो तुम जैसा हो

दरिया ऐ हुस्न दो हाथ ओर बढ गया
जब उन्होने अंगड़ाई ली दोनो हाथ उठा कर

ये हुस्न ये मौसम ये बारिश और मस्त ये मदमस्त हवाएँ
लगता है आज फिर मोहबत ने किसी का साथ दिया है

ये जो पानी भी मदहोश और महका हुआ सा है
जरूर उसने पानी में अपना हुस्न निहारा होगा

ये आईने क्या देंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर
मेरी आँखों से तो पूछ कर देख कितनी हसीन है तू

तेरे हुस्न की तारीफ मेरी शायरी के बस की नहीं
तुझ जैसी कोई और कायनात में ही नहीं

Beauty Quotes For Her In Hindi


तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत नहीं है ग़ालिब
कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद

न कर पर्दा अपने हुस्न पर इसका कोई नहीं है फायदा
कौन रहता है होश में हुस्न ए दीदार के बाद

हुस्न में नाज़ था, नज़ाकत थी
इश्क़ में एहसास था, शराफ़त थी

हुस्न ने कई बर्बाद किए
भगवान् तू कहीं इश्क़ न करियो पछतायेगा
हम तो मर कर तेरे पास आ जाएंगे
पर तू कहाँ जाएगा

किसका चेहरा अब मैं देखूं
चाँद भी देखा, फूल भी देखा
बादल, बिजली, तितली, जुगनूं
कोई नहीं है ऐसा तेरा हुस्न है जैसा

हुस्न है तेरा बिलकुल चाँद की तरह
उतना ही नूर है, उतना ही दूर है, उतना ही ग़ुरूर

हुस्न हर बार शरारत में पहल करता है
बात बढती है तो इश्क के सर आती है

ओ मस्त-ए-नाज़ हुस्न तुझे कुछ ख़बर भी है
तुझ पर निसार होते हैं किस किस अदा से हम

ग़जब हाल है हुस्न ए शबाब का
ये क़त्ल भी कर दें तो गुनहगार नही होते

तरस गए हैं हुस्न ए दीदार के लिए
ये दिल आपको ही याद करता है
खुशनसीब है आपके घर का आइना
जो आपका हर रोज़ दीदार करता है

लत लग गई हमे तो अब तेरे दीदार-ए-हुस्न की
इसका गुन्हेगार किसे कहे खुद को या
तेरी कातिल अदाओ को ?

हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अब
फूल ख़ुश्बू से ख़फ़ा हो जैसे

हुस्न के दीवाने हैं सब यहां
दिल की खूबसूरती लुभाती नहीं

अब हम समझे तेरे चेहरे पे तिल का मतलब
हुस्न की दौलत पे दरबान बिठा रखा है

तेरी हुस्न की क्या तारीफ करू ए जालिम
तेरी तुलना करने में तो आप्सरायो का चेहरा भी
आँखों से ओझल हो जाता है

ना कर जिद दीवाने हुस्न को बेपर्दा तकने की
हया जो फैलेगी रूखसार पर जान लेवा होगी

हमें कहाँ मालूम था तेरे चेहरे के तिल का राज़
किसी ने बताया के हुस्न का पहरेदार है ये

हुस्न में तेरे होगा शराब और इत्र का मेल
इसी लिए कभी महकता हूँ कभी बहकता हूँ

मोहब्बत को छोड़कर क्या नही मिलता बाजार में
हुस्न जिस्म चुंबन वादा अदा जो मन करे खरीद लो

ये सब हुस्न वाले मेरी माला के मनके हैं
नज़र में घूमते रहतें हैं इबादत होती रहती है

Quotes On Girl Beauty In Hindi


तेरे हुस्न पर तारीफ भरी किताब लिख देता
काश के तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती
शायद तुझे खबर नहीं ए शम्मे-आरजू
परवाने तेरे हुस्न पे कुरबान गये है

क्या पूछते हो हमसे हुस्न की तारीफ़
हमें जिस से मोहब्बत हुई वो ही सबसे हसीं

मैं हुस्न हूँ मेरा रूठना लाजिमी है
तुम इश्क़ हो ज़रा अदब में रहा करो

झूम जाते हैं शायरी के लफ़्ज़ बहार के पत्तों की तरह
जब शुरू होता है बयाँ-ऐ-हुस्न महबूब का मेरे

लिखी कुछ शायरी ऐसी तेरे नामसे कि
जिसने तुम्हे देखा भी नही
उसने भी तेरी तारीफ कर दी

वो अपने हुस्न की ख़ैरात देने वाले हैं
तमाम जिस्म को कासा बना के चलना है

तुम्हारे ही हुस्न का नूर है हमारे अक्स पर
वरना कौन पसंद करता हम जैसे शख्स को

किसी को चार पल का नशा है मोहब्बत
इनको सच्ची मोहब्बत भाती नहीं

हुस्न का आशिक तो हर कोइ होता हैं
हम तो उनके दिल पर मरते हैं

सोचता हु हर कागज पे तेरी तारीफ करु
फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी
तेरा दीवाना ना हो जाए

तेरे इस हुस्न को नकाब की जरुरत ही क्या है
क्या कोई रह सकता हैं होश में तेरी एक झलक के बाद

तुझे नाज है तु हुस्न है
तेरे गुलिस्ता की मुझे फक्र है मैं इश्क हूँ
तुझे तड़पा न दूं तो कमाल क्या

तस्वीर बना कर तेरी आस्मां पे टांग आया हूँ
और लोग पूछते हैं आज चाँद इतना बेदाग़ कैसे है

दिल तो चाहता है चूम लू तेरे रुखसार
फिर सोचते हैं के तेरे हुस्न को दाग़ न लग जाए

मुझे क्या मालूम था हुस्न क्या होता है
मेरी नज़रों ने तुझे देखा और अंदाजा हो गया

संभाल नहीं पाते हैं तुमको देख कर मेरी जान
हुस्न की बिजली इतनी ना गिरा की मेरी जान निकल जाए

हुस्न भी तेरा अदाए भी तेरी
नखरे भी तेरी शोखिया भी तेरी
बस इश्क़ मेरा रहने दो

कितनी तारीफ करूं उस जालिम के हुस्न की
पूरी किताब तो बस उसके, होठों पर ही खत्म हो जाती है

तेरे हुस्न की तपिश कहीं जला ना दे मुझे
तू कर महोब्बत मुझसे ज़रा आहिस्ता आहिस्ता

न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से
मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है

मुझको नहीं जरूरत किसी कलम की
तेरी तारीफ बयां करने के लिए
तेरी अदाएं, तेरे ये नाज़नीन से अन्दाज़
अपनी अदा आप रखते हैं

तेरे हुस्न की आग में कहीं जल ना जाऊ
कर मोहब्बत तू मुझसे जरा धीरे धीरे

हुस्न को हुस्न बनाने में मिरा हाथ भी है
आप मुझ को नज़र-अंदाज़ नहीं कर सकते

दिल्लगी नहीं शायरी जो किसी हुस्न पर बर्बाद करें
यह तो एक शमा है जो उस नूर का पयाम है

न देखना कभी आईना भूल कर देखो
तुम्हारे हुस्न का पैदा जवाब कर देगा

हुस्न की तारीफ सादगी का मजाक
कुछ ऐसा है आजकल दुनिया का मिजाज

ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर
कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम

हुस्न की मल्लिका हो या साँवली सी सूरत
इश्क अगर रूह से हो तो हर चेहरा कमाल लगता है

मैं भी लिख देता किताब तेरे हुस्न की तारीफ़ में
काश तेरी वफ़ा और हुस्न का कोई मुकाबला भी होता

डरता हूँ कहीं लग न जाए तेरे हुस्न को मेरी नज़र
इस लिए अभी तक तुझे गौर से देखा ही नहीं

मेरी निगाह-ए-इश्क भी कुछ कम नही
मगर फिर भी तेरा हुस्न तेरा ही हुस्न है

हुस्न में नज़ाक़त इश्क़ में शराफत ऊफ़्फ़ !
एक मरने न दे दूजा जीने न दे

ये आईने नही दे सकते तुझे तेरे हुस्न की ख़बर
कभी मेरी इन आँखों से आकर पूछ तुम कितनी हसीन हो

ये सोचकर रोक लेता हूँ कलम को
तेरी तारीफ लिखते लिखते की
कहीं इन लफ़्ज़ों को सबसे बेहतरीन
होने का गुमान ना हो जाये

ढाया खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर
तुम्हें हुस्न और मुझे इश्क देकर

दिल की तड़प का हाल न पूछो
जितनी इधर है उतनी उधर है

उसके हुस्न की तारीफ फ़क़त इतनी सी है
जहाँ से गुजर जाए,लोग मिसाल देते है

तेरा हुस्न वो कातिल है ज़ालिम
जो क़त्ल तो करता है और
हाथ में तलवार भी नही रखता

तेरी तरफ जो नजर उठी
वो तापिशे हुस्न से जल गयी
तुझे देख सकता नहीं कोई
तेरा हुस्न खुद ही नकाब हैं

ना चाहते हुए भी आ जाता हैं लबों पे तेरा नाम
कभी तेरी तारीफ में तो कभी तेरी शिकायत में

अब कैसे उठेगी आँख हमारी किसी और की तरफ
उसके हुस्न की एक झलक हमें पाबन्द बना गयी

हुस्न वालों ने क्या कभी की खता कुछ भी
ये तो हम हैं सर इल्ज़ाम लिए फिरते हैं

मदहोशी से भरा हुस्न है मेरा सनम
अगर नज़रें इनायत न की तो तौहीन ए इश्क़ होगा

सताते हैं हमें तो हुस्न के मालिक
औरों से तो हम नज़र भी नहीं मिलाते

हुस्न वाले जब तोड़ते है दिल किसी का
बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम

मुझको मालूम नहीं हुस्न की तारीफ फ़राज़
मेरी नज़रों में हसीन वो है जो तुझ जैसा हो

अपने शब्दों से ही समा जाऊंगा ज़हन में तुम्हारे
वो निगाहें, वो हुस्न, वो मुलाकात की जरूरत नही मुझे

कि इश्क इतना करो कि
पत्थर दिल को भी प्यार हो जाये

दिल जो अजब शहर था ख्यालों का
लूटा हुआ है हुस्न वालों का

तेरे हुस्न के आगे मुझे लगता है सब कुछ सादा
आस्मां में है पूरा चाँद पर मुझे लगता है आधा

माना कि बड़ा खुबसूरत हुस्न है तेरा लेकिन
दिल भी होता तो क्या बात होती

नज़र इस हुस्न पर ठहरे तो आखिर किस तरह ठहरे
कभी जो फूल बन जाये कभी रुखसार हो जाये

लोग कहते हैं कि इश्क इतना न करो कि
हुस्न पर सवार हो जाये हम कहते हैं

नरगिसी आँख डोरे गुलाबी मस्त ये हुस्न है मय के प्याले
शैख गर देख ले तुझको जालिम अपनी तौबा वही तोड़ डाले

इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल
दोनों तरफ़ इक दर्द-ए-जिगर है

मिलावट है तेरे हुस्न में इत्र और शराब की
तभी मैं थोड़ा महका हूं थोड़ा सा बहका हूं

कांच का जिस्म कहीं टूट न जाये
हुस्न वाले तेरी अंगड़ाइयो से डर लगता है

शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास
दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं

वो ज़माने भी क्या ज़माने थे
जब प्यार करना इक इबादत थी