Kajal Shayari

Naina Hoth Shrarat Nasha Aakh Kajal Shayari

नैनों के नशे में सुई को डुबोकर
होंठों के धागे से शरारतें सीती है
उसके नैनों में इतना नशा आख़िर क्यूं ना हो
सुना है उसकी आंखें आखिर काजल जो पीती है


Masoom Chehra Ada Aankh Samandar Kajal Shayari

तेरे मासूम चहरे पर अदा अच्छी लगती है
जिस घड़ी तु हंस दे वो दुआ सच्ची लगती है
तेरी आँखों में काजल इक लकीर सा बनाता है
समंदर पर ये नक्काशी अच्छी लगती है


होंठों की पंखुड़ियाँ गुलाब लगती हैं
कजरारी तेरी आँखे शराब लगती हैं
जिक्र करूँ क्या तेरी मधुर मुस्कान का
तेरी बलखाती अदाऐं महताब लगती हैं


जो बरस जाये वही बादल अच्छे हैं
जो निगाहों को सजा दे वही काजल सच्चे हैं
सयानों ने कुछ इस कदर बर्बाद कर दी है दुनिया
हमें पागल ही रहने दो हम पागल ही अच्छे हैं


तुम पुछते हो मुझे तुझमें क्या पसंद है
उसकी बातें पसंद हैं उसकी शरारतें पसंद हैं
उसकी कजरारी आँखें
उसके होंठों और उसकी मुस्कान पसंद है


काजल पर शायरी

Khaak Kabar Khushi Ashq Aankh काजल पर शायरी

मैं अब सुपुर्दे ख़ाक हूँ मुझको जलाना छोड़ दे
कब्र पर मेरी तू उसके साथ आना छोड़ दे
हो सके गर तू खुशी से अश्क पीना सीख ले
या तू आँखों में अपनी काजल लगाना छोड़ दे


बादलों से गिरके एक काजल का कतरा
होठों पे तेरे तिल बन के सज गया
नज़र लगे ना तुमको किसी की होटों से
निकली थी दुआ आसमानों ने सुन लिया


रात की चादर पर बूंदे ओस की मोती सी
सुबह के आँचल में गर्मी सूरज सी
सब बिखर गया स्याह काजल की तरह
ख्वाब यूँ टूटे पंखुड़ियां लगी रोती सी


Shayari On Kajal

Mohabbat Sapne Raat Aankh काजल पर शायरी

मोहब्बत के सपने दिखाते बहुत हैं
वो रातों में हमको जगाते बहुत हैं
मैं आँखों में काजल लगाऊं तो कैसे
इन आँखों को लोग रुलाते बहुत हैं


मुझे उसके इश्क का घना बादल बना देता
मुझे उसकी आँखो का काजल बना देता
तुझसे बिछड़ना अब मुझे मौत की तरफ ले जाता है
ऐ रब इससे अच्छा तू मुझे पागल बना देता


Meharbani Muskaan Chehre Paigaam Aankh Naam काजल पर शायरी

मेहरबानी होगी आपकी मुस्कान दिख जाए
चेहरे पर सजे आपके पैगाम दिख जाए
पर्दो में न छिपाओ आंखों का तुम काजल
काश के मेहंदी में तुम्हारी हमारा नाम दिख जाए


Kajal Name Shayari

Kajal Name Shayari

हँसना हसाना काम है मेरा
इसलिए तो काजल नाम है मेरा


हाँ एक और शाम रंगीन हुई है तुम्हारे आँचल की तरह
और देखो सुरमयी रंग सजा है तुम्हारे काजल की तरह


एक मायने में आँखों की हद है ये काजल
पर तुम्हारी आँखों में हसीन बेहद है ये काजल


Kajal Shayari 2 Line

Na Ro Ankh Dil Ashq Fisal Kajal Shayari 2 Line

न रोओ आँख का काजल निकल कर छूट जायेगा
ये दिल तेरे अश्क बूंदों में फिसल कर टूट जायेगा


सुरमई शाम का काजल लगा के रात आई है
पलकें यूँ झुकीं हैं मानों चाँद पर बदरी छाई है


हुस्न-ए-ख़ुमारी का आलम क्या पूछते हो
गजरा, चूड़ी, काजल, बिंदी, उफ्फ्फ तुम क्या पूछते हो


हम को तो जान से प्यारी है तुम्हारी आंखे
हाय काजल भरी मदहोश ये प्यारी आंखे


उस की आँखों में भी काजल फैल रहा है
मैं भी मुड़ के जाते जाते देख रहा हूँ


Baal Jhunke Kajal Shayari 2 Line

बाल भी खुले थे उसके, काजल भी लगा रखा था
उसके झुमके ने तो अलग ही उधम मचा रखा था


आंखें ही क्या कम थी उस पर काजल भी लगाते हो
इश्क में कत्ल के तुम भी क्या हुनर आजमाते हो


Kajal Ki Shayari

Kaatil Nazar Kehar Jehar Kajal Ki Shayari

एक तो कातिल सी नज़र
ऊपर से काजल का कहर


कजरारी आँखे क़यामत रहे सुर्ख गाल
होली का बहाना मन बहका हरा नीला गुलाल


काजल तेरी देख कर यह अदा
मैं तुम पर हो रहा हूँ फिदा


तेरी आँखों में समा जाऊँगा काजल की तरह
तू ढूँढती रह जायेगी मुझे पागल की तरह


Aankhe Dard Nazar Stree Kajal Shayari

कुछ बातें खत नहीं कहते आँखें कहती हैं
कहीं दर्द नजर न आ जाए
इसीलिए स्त्रियां काजल डाले रहती हैं


लग जाएगी नज़र दुनिया की जान लो
लगा लो काजल चेहरे पर गुजारिश मान लो


Shaam Laali Raat Kashmir Subha Taqdeer Tajmahal Saans  शाम की लाली रात का काजल सुबह की तक़दीर हो तुम हो चलता फिरता ताजमहल सांसे लेता कश्मीर हो तुम

शाम की लाली रात का काजल सुबह की तक़दीर हो तुम
हो चलता फिरता ताजमहल सांसे लेता कश्मीर हो तुम


तेरी नशीली आंखे और उनमे लगा काजल
हाय तुझको देखते ही हो जाते हैं हम तो घायल


Kajal Love Shayari

Bindi Tabah थोड़ा काजल लगा लिया एक बिंदी लगा लिया खुद तो सज गए हुजूर पर हमें तबाह कर दिया Kajal Love Shayari

थोड़ा काजल लगा लिया एक बिंदी लगा लिया
खुद तो सज गए हुजूर पर हमें तबाह कर दिया


गुलाब से गुलाब का रंग तेरे गालों पे आया
तेरे नैनों ने काली घटा का काजल लगाया
जवानी जो तुम पर चढ़ी तो नशा मेरी आँखों में आया


गाँव छोड़ा तो कई आँखों में काजल फैला
शहर पहुँचा तो किसी माथे पे झूमर झूमा


Pyaas Pagal Bewafa मुझे लगता था वो मेरे प्यार में पागल थी मगर बाद में जाना के वो बेवफा काजल थी Kajal Love Shayari

मुझे लगता था वो मेरे प्यार में पागल थी
मगर बाद में जाना के वो बेवफा काजल थी


काजल लागे किरकरो, सुरमा सहा ना जाए
जिन नैनंन में साजन बसे दूजा कौन समाये


काजल की क़िस्मत क्या कहिये नैनों में तूने बसाया हैं
आँचल की क़िस्मत क्या कहिये तूने अंग लगाया हैं


काजल लगे नैनो मे डोरे हुए गुलाबी
कैफियते अंजाम तमाम शहर हुआ शराबी


Mehandi गीली मेंहदी रोई होगी छुपके घर के कोने मेंताजा काजल छूटा होगा चुपके-चुपके रोने में Kajal Love Shayari

गीली मेंहदी रोई होगी छुपके घर के कोने में
ताजा काजल छूटा होगा चुपके-चुपके रोने में


चांदनी रात भी जल जाये जब तू काजल लगा के आए
ये दिल भी मेरा हलचल मचाये जब तू काजल लगा के आए


Kajal Shayari In Hindi


एक बार इशारा तो कर दे दिल और जिगर तो कुछ भी नहीं
मै खुद को जला सकता हूँ तेरी आँखों के काजल के लिये


महिफल मे आज फिर क़यामत की रात हो गई
हमने लगाया अपने आखो मे काजल और
बिन बादल बरसात हो गई


अभी काजल ही लगाया उसने तो
मेरा दिल होश खो बैठा
अगर सज संवर कर आ गयी सामने तो
खुदा ही जाने मेरा क्या होगा


गीले लब़ कातिल निगाहें गज़ब का काजल गुलाबी हो़ठ
तु ही बता ये दिल तुम पे न मरता तो क्या करता ?


आंख से बिछड़े काजल को तहरीर बनाने वाले
मुश्किल में पड़ जाएंगे तस्वीर बनाने वाले


काजल आँखें, होंठ सुर्ख, ज़ुल्फ असीरी, गाल पे तिल,
दिल ना देते तो जान से जाते सामने हथियार बहुत थे


बावरा हुआ जाता हूँ तेरी अखियों में इश्क देखकर
मेरी उम्मीदों का मक़सद तेरी आँखों का काजल ही तो है


गुलाबी होठ, बिखरी जुल्फे और कजरारी आँखे
इस खूबसूरती ने हमे गलत-फहमियों में डाल रखा है


संभालकर ज़रा रखियेगा कदम फूल बिखरे है
मगर ठेस लग जायेगी
ये काजल लगाने का क्या फायदा
रूप ऐसा है नज़र लग जायेगी


अलसायी सुबह, फैले हुए काजल में, बिखरे हुए आँचल में
बचाते बचाते छिपाते छिपाते नुमायां होती है कविता कोई रात की


उसकी आँख का काजल
मेरे दिल में इश्क़ के ख़ंजर उतारता है


मेहंदी रची हथेली मेरी मेरे काजल वाले नैन रे
पिया पल पल तुझे पुकारते होकर बैचेन रे


ये लाली, ये काजल और ये जुल्फें खुली खुली
अरे एसे ही जान मांग लेते इतना इंतजाम क्यूँ किया ?


तौबा वो तुम्हारे गीले होंठ वो सुरमयी आंखें
ये काजल तुम ही बताओ ?
ये दिल नही मरता तो क्या करता ?


काजल रखो आँखों में इंतज़ार ना रखो
खूबसूरत हो तुम खूबसूरत रहो


फिर लगेगी नजर उस पगली को
देखो आज वो फिर से काजल लगाना भूल गई


निकल आते हैं आँसू गर जरा सी चूक हो जाये
किसी की आँख में काजल लगाना खेल थोड़े ही है


Kajal Wali Shayari


लगा लेना काजल अपनी आखो मे जरा
ख्बाब बनकर दाखिल होने का इरादा है मेरा


मुहब्बत की बेनूर ख्वाहिशें और तेरा गम
हम बिखर से गये आँखों से काजल की तरह


Udhar Aankh Shart Kajal Shayari In Hindi

उधार मांगा है हमने
तुम्हारी आँखों का काजल अपनी शायरी के लिए
शर्त उसने भी रख दी
शायरी मेरी आँखों पर ही होनी चाहिए


काजल बिंदियॉ, कंगन झुमके, ये मेरे ख़ज़ाने हैं
दिल पंछी बनके उड़ जाता है हम खोये खोये रहते हैं


जो बनाई है तिरे काजल से तस्वीरे-मुहब्बत
अभी तो प्यार के रंग से सजाया ही कहाँ है


काजल लगाया है जो तुम्हारे कहने पर
ये सजे रहे ऎसे बस तुम इतना ख्याल रखना


याद है अब तक तुझसे बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे
तू ख़ामोश खड़ी थी लेकिन बातें करता था काजल


शायद किसी रोज तुम समझ पाओ इस दिल की बेकरारी
और तुम्हारी आंखों के काजल का कोई बहुत गहरा रिश्ता है


काजल, आँखे ,जुल्फ़े, झुमका, चेहरा, बिंदिया
हाये दिल हार गए हम तुम्हे बेनकाब देखकर


Sad Love Kajal Shayari

Hausla Zuda Aankh Sad Love Kajal Shayari

हौंसला तुझ में न था मुझसे जुदा होने का
वरना काजल तेरी आँखों का न यूँ फैला होता


वो जो अफसाना-ए-ग़म सुन सुन के हंसा करते थे
इतना रोए कि सब आंख का काजल निकला


देखकर काजल की लकीरें उनकी आँखों में
पहली दफ़ा ये जाना कि ये चाँद की ख़ूबसूरती रात से क्यूं है


तुम्हारी कजरारी आंखे जब भी मेरी तरफ देखती है
कसम से एक ख़त इश्क़ का लिख भेजती है


आँखों में काजल भले ही उसके नाम का लगाती हूँ
कहीं मिल ना जायें निगाहें उससे इस डर से झुका लेती है


ज़रा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाए
दिये से मेरी माँ मेरे लिए काजल बनाती है


पकड़कर मेरी कॉलर वो बोली
बात बात पर रुला देते हो मुझे
काजल और मस्कारा क्या
तुम्हारे बाप के पैसों से आता है


काजल लगाकर आप
महफ़िल के अन्दाज़ को अपना बनाने लगे
हम तो गाने लगे आपके लिए मोहब्बत में ग़ज़ल
जैसे आप चाँद बनके हमारे लिए रोशनी फैलाने लगे


तेरी आँखों में अब भी मुझे प्यार नज़र आता है
जब भी तुम मुझे देखते हो मेरी आँखों का काजल
और भी गहरा हो जाता है


बांटू ना किसी से साया भी तेरा
काजल जहाँ वहाँ तेरा बसेरा


जिसे भी देख लो तुम वो हुआ एक पल में दीवाना
तिलिस्मी है बहुत सनम तुम्हारी आँखों का काजल


कभी काजल, कभी बिंदिया, कभी चूड़ी, कभी कजरा
मुझे ज़ख़्मी किया ज़ालिम तेरे इन्ही हथियारो ने


बहुत रोई हुई लगती है आँखें
मेरी ख़ातिर ज़रा काजल लगा लो


हाथ से मेहँदी न बिखरी आँखों का काजल सलामत
ये भी कोई बात थी सखी पिया मिलन की रात थी


उसका लिक्खा हुआ हर शख्स नहीं पढ़ सकता
वो मिला लेता है काजल में हमेशा आँसू


Aaina Nazar Sad Love Kajal Shayari

आईना नज़र लगाना चाहे भी तो कैसे लगाए
काजल लगाती है वो आईने में देखकर