Kanta Shayari

Kanta Shayari

काँटों पर चलकर फूल खिलते हैं
विश्वास पर चलकर भगवान मिलते हैं
एक बात याद रखना दोस्त सुख में सब मिलते है
लेकिन दुख में सिर्फ भगवान मिलते है


Zindagi Kanta Shayari

अपनी जिंदगी के अलग असूल हैं
यार की खातिर तो कांटे भी कबूल हैं
हंस कर चल दूं कांच के टुकड़ों पर भी
अगर यार कहे, यह मेरे बिछाए हुए फूल हैं


कांटों पर शायरी


Kanta Shayari

न हम-सफ़र, न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा


मुझे हर रोज़ तोहफ़े में वो गुल भेजा करेगा
कि काँटों पर यूँ अपना ख़ून वो ज़ाया करेगा

उलझ पड़ूँ किसी के दामन से वह खार नहीं
वह फूल हूँ जो किसी के गले का हार नहीं

रस्ते ही जहां टूटे मिले थे ऐसे भी कुछ मोड़ आए
फूलों के धोखे में हम तो कांटों से दिल जोड़ आए

Kanta Dil Shayari

ख़ार-ए-हसरत बयान से निकला
दिल का काँटा ज़बान से निकला


सब फूलों के हैं दिवाने, कांटे से दिल कौन लगाये
भोली सजनी मैं हूं कांटा, क्यूं अपना आंचल उलझाये

दिल में कांटा सा चुभता है सर्द रातों में
होती नहीं दिल की बात जब मुलाकातों में

मेरे दिल में एक कांटा सा चुभता है
कहीं तन्हा भी कोई रिश्ता निभाता है

Thorn Quotes In Hindi


दिल में काँटा सा चुभता हे
जब तुम हमें नहीं किसी और को देखते हो

Fool Zakham Kanta Shayari

लोग काँटों से बच के चलते हैं
मैंने फूलों से ज़ख़्म खाए हैं


Thorn Quotes In Hindi

सब फूल लेकर गए मैं कांटे ही उठा लाया
पड़े रहते तो किसी क़े पाँव मे जख्म दे जाते


हमने कांटों को भी नरमी से छुआ है लेकिन
लोग बेदर्द हैं फूलों को मसल देते हैं

काँटों से गुज़र जाता हूँ दामन को बचा कर
फूलों की सियासत से मैं बेगाना नहीं हूँ

गुलों के साये में अक्सर रियाज तड़पा हूँ
करार कांटों पै कुछ ऐसा पा लिया मैंने

गुलशन-परस्त हूँ मुझे गुल ही नहीं अज़ीज़
काँटों से भी निबाह किए जा रहा हूँ मैं

कोई समझेगा क्या राज़-ए-गुलशन
जब तक उलझे न काँटों से दामन

आराम क्या कि जिस से हो तकलीफ़ और को
फेंको कभी न पाँव से काँटा निकाल के

आज फूलों की बेगानगी देखकर
मुझको कांटों से दामन सजाना पड़ा

Sad Love Quotes Hindi


कांटों से घिरा रहता है चारों तरफ से फूल
फिर भी खिला ही रहता है क्या खुशमजाज है

Ghadi Love Quotes Hindi

सबसे रोमांटिक जगह मेरे घर की दीवार पे टंगी घड़ी है
जहाँ दोनों कांटे सारा दिन एक दूसरे के पीछे घूमते रहते है


आज कांटें हैं अगर तेरे मुकद्दर में तो क्या
कल तेरा भर जाएगा फूलों से दामन गम न कर

फूलों की चुभन पूछिये हमसे साहिब
कांटों से जख्म तो दुनिया खाती है

बुरी सरिश्त न बदली जगह बदलने से
चमन में आ के भी काँटा गुलाब हो न सका

काँटों से दिल लगाओ जो ता-उम्र साथ दें
फूलों का क्या जो साँस की गर्मी न सह सकें

कांटा समझ के मुझ से न दामन बचाइए
गुजरी हुई बहार की इक यादगार हूँ

अगर कांटा निकल जायें चमन से
तो फूलों का निगहबां कौन होगा

Hindi Quotes On Flower


गुलाब समझकर पकड़ी थी मैं उन्हें पर
वह तो गुलाब का कांटा निकले
कुछ इसतरह चुभ कर वो मुझे दर्द दिये जैसे
कई सालों से वो मेरे दुश्मन थे

फूलों को मैं बिछाऊं कहां है मेरी बिसात
कांटे उठा लिए हैं मगर मैने तेरी राह के

मेरे ज़ख्मो की खबर देदो उन्हें ए ज़माने वालो
बहुत खुश हुआ करते थे वो मेरी राहों में कांटे बिछा कर

गुलाबों से मुहब्बत है जिन्हें उनको खबर कर दो
चुभने वाले कांटे भी बहुत अरमान रखते हैं

काँटों पे चले हैं तो कहीं फूल खिले हैं
फूलों से मिले हैं तो बड़ी चोट लगी है

कांटे किसी के हक में किसी को गुलो-समर
क्या खूब एहतिमामे-गुलिस्ताँ है आजकल

उन गुलों से तो कांटे अच्छे
जिनसे होती है तौहीने-गुलशन

कितने कांटों की बद्दुआ ली है
चन्द कलियों की जिन्दगी के लिए

फूलों के इन्तिजार में कांटों से भी निभाइए
यानी खुशी के वक्त गम का शऊर चाहिए

मोहब्बत के काफिले को कुछ देर तो रोक लो
आते हैं हम भी पाँव से कांटे निकाल कर

बहुत हसीं सही सोहबतें गुलों की मगर
जिन्दगी वो है जो कांटों के दरमियां गुजरे