Dil Ke Kareeb Shayari

Dil Ke Kareeb Shayari

जरा सी ज़िंदगी है अरमान बहुत है
हमदर्द नहीं कोई इंसान बहुत है
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको
जो दिल के करीब है वो अनजान बहुत है


Ishq Kareeb Shayari

इश्क़ का खेल बहुत ही अजीब हो गया है
इंसा दिल के बहुत करीब हो गया है
भर तो ली है झोली उन सब ने सिक्कों से
मगर चाहत के मुकाबले बहुत गरीब हो गया है


आप मेरे दिल के करीब हरदम रहे
तुझे पाया नहीं, जिंदगी भर खोने से डरे

जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गए
जमाने में हुए चर्चे हम मशहूर हो गए

करीब शायरी

Zindagi Kareeb Shayari

जब भी करीब आता हूँ बताने के लिये
जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये
महफ़िलों की शान न समझना मुझे
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये


डर से ज्यादा तेरे करीब आने को जी करता है
तेरे होठों को होठों से छू जाने को जी करता है
तुम हो मेरे बेताब दिल की धड़कन
तुम्हें अपना बनाने को जी करता है

वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते
मर गए पर खुली रखी आँखें
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते

Kareeb Door Shayari

दूर हो कर भी करीब रहने की आदत है
याद बनकर दिल में बस जाने की आदत है
करीब न होते हुए भी करीब पाओगे तुम मुझे
एहसास बनकर रहने की आदत है मुझे


Kareeb Aane Ki Shayari

Kareeb Aane Ki Love Shayari

वो आकर मेरे करीब मुझमे घर कर गया
वीरान बस्ती थी मैं मुझको शहर कर गया
थमी हुई थी जिंदगी यूँ बेबस किनारे सी
छूकर निगाहों से मुझको लहर कर गया


किसी के करीब जाने से डर लगता है
मुझे अजनबी मेरा ही शहर लगता है
कहीं प्यार करके छोड़ ना जाएँ तन्हा
झूठा सुंदर सपना बाद में जहर लगता है

Dost Kareeb Shayari

ऐ दोस्त जब भी तू उदास होगा
मेरा ख्याल तेरे आस-पास होगा
दिल की गहराईयों से जब भी करोगे याद हमें
तुम्हें हमारे करीब होने का एहसास होगा


तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई
यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ गई
था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार
अचानक वो मेरे करीब आ गई

वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे
दुनिया में हम खुश नसीब होंगे
दूर से जब इतना याद करते है आपको
क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे

वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते
मर गए पर खुली रखी आँखें
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते

ना तो कोई किसी के करीब होता है
ना ही कोई किसी से दूर होता है
मोहब्बत खुद ही चल कर आती है करीब उसके
जो किसी की तक़दीर होता है

मिल गयी है सफलता तो नजरिये बदले हैं
जो थे कल तक दुश्मन आज करीबी निकले हैं
ना ही बदला हूँ मैं ना ही मेरे अंदाज बदले हैं
ये तो बस शुरुआत थी अभी तो पड़ाव अगले हैं

Kareeb Shayari In Hindi

Dimag Dil Kareeb Shayari

आज फिर दिल दिमाग के करीब हो गया
आज फिर एक रिश्ता गरीब हो गया


इन हवाओं से बात करने का हुनर सिखा दो मुझे
उसके करीब जाने का कोई तरकीब दिखा दो मुझे

एहसास ही किसी को, किसी के करीब लाता है
दिल में छुपे एक-दूसरे के लिए प्यार को बताता है

दूर से देखों तो नजारा बड़ा अजीज लगता है
करीब से देखो तो नजारा बड़ा अजीब लगता है

हम उन दिनों बड़े अमीर थे
जब वो हमारे बेहद करीब थे

तेरे करीब आकर बड़ी उलझन में हूँ
मै गैरो में हूँ या तेरे अपने में हूँ

फासले दरमियाँ जब आये
और भी वो मेरे करीब आये

Shayari On Kareeb


तुझ से दूर रहकर इश्क़ बढ़ता जा रहा है
कैसे बताऊँ ये दूरी, तुझे करीब ला रहा है

करीब इतना भी मत रहो कि रिश्ते में दरार आये
दूर इतना भी मत रहो कि उसके बिना करार ना आये

हर-वक्त ज़िंदा मुझमें तू है किसी बहानें ये समझानें को आ
कुछ और करीब आनें को आ मेरे सीनें में अब समानें को आ

मुझे तू इस क़दर अपने क़रीब लगता है
तुझे अलग से जो सोचूँ अजीब लगता है

एक-दुसरे के बहुत अजीज थे हम
कल की ही बात है बहुत करीब थे हम

करीब इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे
दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे

Door Kareeb Baat Shayari

दूर रहो तो कितनी बातें
करीब आओ तो खत्म जज्बातें


रूपयों की गरीबी बेहतर है दिल की गरीबी से
तन्हाई यारों बेहतर है, मतलब की करीबी से

हमने तो खुद खुशनसीब समझा
जो आपने हमें अपने करीब समझा

इश्क़ हो जाए तो नींद आस-पास मंडराती है
आखों में कोई अजीज है इसलिए वो नहीं आती है

जो बिना कहे सुने भी दिल के बेहद करीब होते हैं
ऐसे नाज़ुक एहसास बड़े नसीब से नसीब होते है

ज़िन्दगी के हिसाब किताब भी बड़े अजीब थे
जब तक हम अज़नबी थे ज्यादा करीब थे

वो जब करीब से हंस कर गुजर गए
कुछ खास दोस्तों के भी चेहरे उतर गए

करीब इतना रहो कि रिश्तों मे प्यार रहे
दूर भी इतना रहो कि आने का इन्तजार रहे

मेरे करीब आने में क्या बुराई है
करीब आने से थोड़े हो जाती सगाई है

Itne Kareeb Shayari

Itne Kareeb Love Shayari

इतने करीब से देखा कि मजबूर हो गया
अब तो मेरा दिल भी मुझसे दूर हो गया


हम नींद से उठकर इधर-उधर ढूंढते हैं तुझे
क्यों ख्वाबों में मेरे इतने करीब चले आते हो तुम

तुझ से दूर रहकर मोहब्बत बढती जा रही हैं
क्या कहूँ, कैसे कहूँ
ये दुरी तुझे और करीब ला रही हैं

तेरे अहसास रूह में भरे है ऐसे
दूर होकर भी तू मेरे करीब है जैसे

फ़ोन पर घंटों बात करके क्या जतायें
कितना प्यार है आ करीब फिर बतायें

Romantic Love Quotes In Hindi


हमारा कत्ल करने की उनकी साजीश तो देखो
गुजरे जब करीब से तो चेहरे से पर्दा हटा लिया

काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता
तू ना आती तो तेरी आवाज़ तो आती

कुछ लोग तो बस इसलिए अपने बने हैं अभी
कि कभी मेरी बर्बादियां हों तो दीदार करीब से हो

मंज़िल हमारे करीब से गुज़र गयी
और हम औरो को रास्ता दिखाने मे रह गये

नहीं करता इज़हारे-ऐ-इश्क़ वो
पर रहता है मेरे करीब है वो
देखूँ उसकी आँखों में तो शर्मा जाता है वो
हाय मेरा यार भी कितना कमाल है

लाकर तेरे करीब मुझे दूर कर दिया
तकदीर भी मेरे साथ एक चाल चल गई

इस दौर में दूर से ही दुआ सलाम का रिश्ता अच्छा है
करीब आने पर अक्सर दूर हो जाते हैं लोग

करीब आओगे तो शायद हमे समझ लोगे
ये फासले तो गलतफहमिया बढाते है

बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं
हम एक दूसरे के करीब से
फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है

मिलने की चाहत फिर से ले आती है तेरे करीब
लफ़्जों की तलाश ढूँढ लेती है तेरे दिल का पता

करीब से जाना तो समझा
ये स्वार्थ की दुनिया है
और बस जरुरतों से चलती है

इस से बढकर तुमको और कितना करीब लाँऊ मैं
कि तुमको दिल में रखकर भी मेरा दिल नहीं लगता

मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर
जो दिल के करीब आया वही वफा ना कर सका

बेहद करीब है वो शख्स आज भी मेरे इस दिल के
जिसने खामोशियों का सहारा लेके दूरियों को अंजाम दिया

इत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभी
यूँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे

करीब से देखने पर भी ज़िन्दगी का मतलब समझ नही आया
हमें मालूम होता है अपने ही शहर में भूला हुआ मुसाफ़िर हूँ

सिखा न सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे
करीब से कुछ चेहरे पढ़े और
न जाने कितने सबक सीख लिए

तुम दूर बहुत दूर हो मुझसे ये तो जानता हूँ मैं
पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है
ये बात तुम भी कभी न भूलना

फासले ही अच्छे है इश्क में यारों
ज्यादा करीब रहने से मोहब्बत पाक नही रहती

आया ही था ख्याल के आँखें छलक पड़ी
आंसू तुम्हारी याद के कितने करीब थे

तन्हाईयां जाने लगी जिंदगी मुस्कुराने लगी
ना दिन का पता है ना रात का पता
आप की दोस्ती की खुशबू हमे महकाने लगी
एक पल तो करीब जाओ धड़कन भी
आवाज़ लगाने लगी

तूने फैसले ही फ़ासले बढ़ाने वाले किये है
वरना कुछ ना था तुझसे ज़्यादा करीब मेरे

लाएँगे कहाँ से हम जुदाई का हौसला
क्यों इस क़दर मेरे करीब आ रहें हैं आप

करीब आ तेरी आँखों में देख लू खुदको
बहुत दिनों से आइना नहीं देखा मैंने

कभी हम भी इस के क़रीब थे
दिलो जान से बढ़ कर अज़ीज थे
मगर आज ऐसे मिला है वो
कभी पहले जैसे मिला ना हो

जब जब होती हैं बारिश और गरजते है ये बादल
मेरे दिल की धड़कन बढ़ जाती है
और दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ आती है
तुम करीब आओ ना, आओ ना

ना जाने करीब आना किसे कहते हैं
मुझे तो तुमसे दूर जाना ही नही आता

करीब आ तेरी आंखो में देख लू खुद को
बहुत दिनो से कोई आईना नही देखा

छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नही

ना हाथ थाम सके ना पकड़ सके दामन
बेहद ही करीब से गुजर कर बिछड़ गया कोई