आज पर शायरी


Khamosh Pyar Aaj Love Shayari

चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें
अपनी मोहब्बत को इक प्यारा अंजाम दे दें
इससे पहले कहीं रूठ न जाए मौसम
धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें


Aaj Sad Love Shayari

आज उसने कहा कि तुमने
मेरे लिए किया ही क्या है ?
अब उसे कौन्त बताए कि हमने
अपने लिए जिया ही क्या है ?


आज बड़ी मुद्दत बाद मिला तो
उसकी नजरों ने कुछ ऐसा काम किया
ख़ामोश रहा वो भरी महफ़िल में
और जी भर के हमें बदनाम किया


Aaj Shayari


तेरे हर एक दर्द का एहसास है मुझे
तेरी मेरी दोस्ती पर बहुत नाज है मुझे
कयामत तक न बिछड़ेंगे हम दो दोस्त
कल से भी ज्यादा भरोसा आज है मुझे


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आज फिर कोई दिल को
इस कदर सता रहा है
आज फिर कोई दूर जाने का
इशारा करके पास बुला रहा है


आज से बेहतर कुछ भी नहीं
क्योंकि कल कभी आता नही
और आज कभी जाता नहीं


Aaj Shayari 2 Line


आँखों में देखी जाती है प्यार की गहराईयाँ
शब्दों में तो छिप जाती है बहुत सी तन्हाईयाँ


ईमान बेचकर जो बेईमान होता है
आज की दुनिया में उसी का सम्मान होता है


मोहब्बत की आज यूँ बेबसी देखी
उसने तस्वीर तो जलाई मगर राख नहीं फेकी


आज में ही इंसान चैन की नींद सोता है
कल को सोचकर सिर्फ परेशान होता है


ये उनकी मोहब्बत का नया दौर है
जहाँ कल मैं था आज कोई और है


किसी नजर को तेरा इन्तजार आज भी है
कहाँ हो तुम ये दिल बेकरार आज भी है


हाल पूछा न खैरियत पूछी
आज भी उसने मेरी हैसियत पूछी


Aaj Ki Shayari In Hindi


जख्म तो आज भी ताजा है बस वो निशान चला गया
मोहब्बत तो आज भी बेपनाह है बस वो इंसान चला गया


आज कतरा के गुजरते हुए पाया है तुझे
बेवफ़ाई का हुनर किसने सिखाया है तुझे


आज की मोहब्बत होशियार है
जिसके पास दौलत है उसी का प्यार है


आज जिस्म मे जान है तो देखते नही हैं लोग
जब रूह निकल जाएगी तो कफन हटा-हटा कर देखेंगे लोग


आज बहुत मेहरबान हो सनम क्या चाहते हो
हमें पाना चाहते हो या किसी को जलाना चाहते हो


आज फिर तेरी याद में हूँ
आ जरा देख मैं किस हाल में हूँ


आज उसकी याद न जाने की कसम खाई है
और लगता है नींद ने न आने की कसम खाई है


कफ़न न डालो मेरे चेहरे पर मुझे आदत है मुस्कुराने की
आज की रात न दफनाओ मुझे यारो कल उम्मीद है उनके आने की


छल में बेशक बल है
माफ़ी आज भी हल है


फासलें इस कदर आज है रिश्तों में
जैसे कोई कर्ज चुका रहा हो किस्तों में


Aaj Ki Best Shayari


सोचा था आज कुछ तेरे सिवा सोचूँ
तब से सोच में हूँ कि और क्या सोचूँ


ना महीनों की गिनती है, ना सालों का हिसाब है
मोहब्बत आज भी तुमसे बेपनाह और बेहिसाब है


सिर पर आसमान है, पैरों तले जमीं है
फिर भी बेचैन है दिल न जाने अब क्या कमी है


तुम भी झूमो मस्ती में हम भी झूमे मस्ती में
शोर है आज बस्ती में झूम रहे है सब मस्ती में


इश्क़ करने वाले कितने भोले-भाले होते है
जिसने चखा उसके जुबान पर छाले होते है


सिलसिला आज भी वही जारी है
मेरी नींदों पर तेरी याद भारी है


आज हमने जाना सच्ची चाहत होती है बदनाम
हमें नहीं था कुछ पता हम थे कितने नादान


आज फिर दिल दिमाग के करीब हो गया
आज फिर एक रिश्ता गरीब हो गया


प्यार की पतंग आज आसमान में लहरानी है
चाहत अपनी मुझे सारी दुनिया को दिखानी है


आज एक बात कह कर उसने मुझे रूला दिया
जब दर्द नही बर्दाश्त कर सकते, तो मोहब्बत ही क्यों किया


आज भी एक सवाल छिपा है दिल के किसी कोने में
कि क्या कमी रह गई थी तेरा होने में


Today Quotes In Hindi


सूख गया आँखों का समन्दर इस कदर
आज वो याद आई मगर आँखों से आँसू नहीं आई


उनके हौंसले का मुकाबला ही नहीं है कोई
जिनकी कुर्बानी का कर्ज हम पर उधार है


तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल
आज भी हार जाने का हौसला है मुझमें


माना कि दूरियाँ कुछ बढ़ सी गयी है
लेकिन तेरे हिस्से का वक्त आज भी तन्हा गुजरता है


फ़िक्र तो तेरी आज भी है
बस पहले हक़ था, अब नही है


आज दिल कर रहा है कि बचों कि तरह रुठ ही जाऊं
फिर सोचा उम्र का तकाजा है मनायेगा कौन


Today Love Quotes In Hindi


बड़ी जोर से हँसी मैं मुद्दतों के बाद
आज फिर किसी ने कहा मेरा ऐतबार कीजिये


जो हमें हंसाने के लिए खुद घोड़ा बन जाते थे
आज हम उनके जीने का सहारा भी नहीं बन पाते


आज सोचा तो नजरिया कुछ कुछ समझ आया
बना लिये थे मजबूत रिश्ते कुछ कमजोर लोगो से


मुकम्मल हो ही गयी आखिर आज ज़िन्दगी की ग़ज़ल
मेरे महबूब ने भी उसको पढ़कर वाह-वाह बोला है


आज हम इसीलिए खुशहाल हैं क्यूंकि
सीमा पे जवान बलिदान को तैयार है


किसी ने पूछा कभी इश्क़ हुआ था
हम मुस्कुरा के बोले आज भी है


खुदा न बदल सका आदमी को आज भी यारों
और इंसान ने हजारों खुदा बदल डाले


आज के दौर में उम्मीद वफ़ा कैसे रखें
धूप में बैठा है खुद पेड़ लगाने वाला


आज हमसे वो पूछ रहे है हमारी औकात
जो हमारी रहमतों के कर्जदार आज भी हैं


वक़्त मिले तो मेरे घर तक चले आना कभी
तेरी खुश्बू के मोहताज़ मेरे गुलदस्ते आज भी हैं


जिन पत्थरों को कभी हमने दी थी धड़कने
आज उनको जुबां मिली तो हम पर बरस पड़े


बड़ी बेपरवाह हो गई है खुशियाँ भी आज कल
कब आती है, कब जाती है पता ही नही चलता


आज इश्क़ की बाते नहीं सिर्फ़ इतना सुन लो
मैं हूँ महफ़िल में तन्हा और वजह तुम हो


वो शख़्स जो आज मोहब्बत के नाम से बौखला गया
किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था


मेरे साथ मिल के हँसने वालो
कहाँ हो आज की रोना है मुझे


होली दीवाली ईद थोड़ी दूर है अभी
चल आज तुझको मनाया जाए


गुजर गया आज का दिन भी यूँ ही बेवजह
ना मुझे फुर्सत मिली ना तुझे ख्याल आया


एक ख्वाईश ने फिर आज दम तोड़ दिया
पुख्ता सबूत हैं ये मेरे आँसू


दिल तोड़ना आज तक नही आ पाया मुझे
प्यार करना माँ से जो सीखा है मैने


सोच रहे आज से लिखना बंद करें
कुछ वक़्त वाह !वाह! के लिये भी निकाला जाए


तन्हाई- ए-फ़िराक से घबरा रही हो तुम
तेरे लिए सुकूं भी क़यामत है आज कल


तापमान तो AC और कूलर वालो के लिए बढा है साहब
खेत में किसान और सीमा पर जवान तो आज भी वहीं है


आज का दिन उनके नाम
जो क़िस्मत से मिलते है, क़ीमत से नहीं


आज दिल को ना छेड़ना मेरे
जो बिखर गया तो लाल गुलाल हो जायेगा


जो था मेरे कभी मुस्कुराने की वजह
आज उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया


आज टूट गया तो बच-बच कर निकलते है
कल आईना था तो रूक-रूक कर देखते थे


आज टूटेगा गुरूर चाँद का देखना दोस्तों
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है


मेरे खामोश होठो से मोहब्बत गुनगुना रही है
तुम्हे आज रँगना है और बेशुमार रँगना है


मेरी आँखों के जादू से तु आज भी नहीं है वाकिफ़
ये उसे भी जीना सिखा देती हैं जिसे मरने का शौक़ हो


एक बात मुझे आज तक समझ नहीं आयी जो
गरीबों के लिये लड़ते हैं वो लड़ते लड़ते अमीर कैसे हो जाते हैं


आज को जी लो जिन्दादिली के साथ
सुना है वक्त लौटकर आता नही है


मजहबी इबारतें आती नहीँ मुझको
आज भी इंसानीयत ही मेरा खुदा हुआ है


साल भर भूख छुपाता रहा जो लोगों से
आज वो फ़ख्र से बोलेगा मेरा रोज़ा है


कुछ ख़त आज फिर डाकघर से लौट आये
डाकिया बोला जज्बातों का कोई पता नहीं होता


आज तुमसे दूर होकर ऐसे रोया मेरा प्यार
चाँद रोया साथ मेरे कि रात रोयी बार-बार


जगा दिया सुबह तेरी याद-ए-उल्फत ने वरना
आज इतवार था बहुत देर तक सोते हम


वक्त-वक्त की बात है
आज आपका है उड़ लीजिये
हमारा होगा तो सीधा उड़ा देंगे


क्या ख़ाक तरक्की की आज की दुनिया ने
मरीज-ए-इश्क़ तो आज भी लाइलाज बैठे है


मोहब्बत की बात भले ही करता हो जमाना
मगर प्यार आज भी माँ से शुरू होता है


सहर ख़्वाब में तुम फ़िर आये थे
सरहाने पे फ़िर आज ओस की बून्दें हैं


आज सड़क पर निकले तो तेरी याद आ गई
तूने भी इस सिगनल की तरह रंग बदला था


ना चाँद निकला, ना तुमने दस्तक दी
कितनी बोझिल है आज की ये शाम


दिल की बात तो सब करते है
सच कहूँ आज-कल प्यार सूरत से होता है


अधूरे ख्वाब अधूरी मोहब्बते अधूरी ज़िन्दगी
चल चाँद तू ही खुश हो जा तू तो पूरा है न आज


चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है
हमने गुलाल और को मलने नहीं दिया


कहते हैं हो जाता है संगत का असर पर
काँटों को आज तक नहीं आया महकने का सलीका


अब बयाँ करने की आदत नहीं रही
वरना मुझे शिकायतें आज भी है तुमसे