आवाज पर शायरी
धड़कते दिल की आवाज तुम होसब से ज्यादा कुछ ख़ास तुम होहर पल एहसास होता है इतनाजैसे मेरे दिल के पास तुम हो
साँसे थम जाती है पर जान नहीं जातीदर्द होता है पर आवाज नहीं आतीअजीब लोग है इस जहाँ मेंकोई भूल नही पाता और किसी को याद नहीं आती
Aawaz Shayari 2 Line
दिल की आवाज से नगमें बदल जाते हैंसाथ ना दें तो अपने बदल जाते हैं
बैठता वहीं हूँ जहाँ अपनेपन का अहसास है मुझकोयूं तो जिन्दगी में कितने ही लोग आवाज देते हैं मुझको
तड़पता है दिल तेरी आवाज के लिएतेरे प्यार भरे चंद अल्फ़ाज के लिए
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तफ़रीक़ हुस्न-ओ-इश्क़ के अंदाज़ में न होलफ़्ज़ों में फ़र्क़ हो मगर आवाज़ में न हो
Dil Ki Aawaz Shayari
दिल से मेरे फांसला कुछ इतना तय कर लो किमेरे दिल की धड़कन की आवाज तुम साफ़-साफ सुन लो
पलट के देख लेना जब दिल की आवाज सुनाई देतेरे दिल के अहसास में शायद मेरा चेहरा दिखाई दे
दोस्ती का हर फ़र्ज निभायेंगे जरूरआवाज दिल से दोगें तो आयेंगे जरूर
Teri Aawaz Shayari
रात आती है तेरी याद चली आती हैंकिस शहर से तेरी आवाज चली आती हैं
तुझे सुनने की जुस्तजू हो रही है ऐसेमेरी धड़कने तेरी आवाज की मोहताज हो जैसे
दिल की आवाज को इजहार कहते हैंझुकी नजर को इकरार कहते हैं
लय में डूबी हुई मस्ती भरी आवाज़ के साथछेड़ दे कोई ग़ज़ल इक नए अंदाज़ के साथ
Awaz Shayari In Hindi
दिल की आवाज़ भी सुन मेरे फसाने पे न जामेरी नज़रों की तरफ देख ज़माने पे न जा
करो हमें फना अपनी इस अदा ले लिएतड़पते है हम तुमसे एक मुलाकात के लिए
हर लफ्ज हर आवाज को सुनते हैंचलों आज तन्हाई से बात करते हैं
Awaz Par Shayari
खामोशी बेसबब नहीं होतीदर्द आवाज छीन लेता है
एक आवाज़ ने तोड़ी है ख़मोशी मेरीढूँढता हूँ तो पस-ए-साहिल-ए-शब कुछ भी नहीं
दुश्मन की सांसे थम जायेंआवाज में इतनी धमक रखता हूँ
चलो अब आवाज दी जाये नींद कोकुछ थके थके से लग रहे हैं ख्वाब मेरे
सुकून मिलता है दो लफ्ज कागज पर उतार करकह भी देता हूँ और आवाज भी नहीं आती
काश मेरा घर तेरे घर के सामने होतातू ना आती तो क्या तेरी आवाज़ तो आती
Aawaz Love Shayari
काश एक बार आवाज तो दी होती तुमनेहम तो वहाँ से भी लौट आते जहाँ से कोई नहीं आता
कभी आवाज में कशिश थी कभी नजरो में नशा थाफिर जो तेरा असर होने लगा होश मै खोने लगा
मेरी आवाज़ को महफूज कर लो मेरे दोस्तों,मेरे बाद बहुत सन्नाटा होगा तुम्हारी महफ़िल में
ख़ुदा की उस के गले में अजीब क़ुदरत हैवो बोलता है तो उसकी आवाज़ में इक रौशनी सी होती है
ना उसने मुड़ कर देखा ना हमने पलट कर आवाज दीअजीब सा वक्त था जिसने दोनो को पत्थर बना दिया
सुनो बाबु तुम्हारी आवाज़ नहीं आ रहीलगता हैं नेटवर्क की प्रॉब्लम हैं
ना आवाज हुईना तमाशा हुआबड़ी ख़ामोशी से टुट गयाएक भरोसा जो तुझपे था
Shayari On Aawaz
तुझे इधर उधर ढूंढती हैं मेरी आंखेजब सुनता हूँ किसी के पायल की आवाज़
यूँ तो एक आवाज दूँ और बुला लूँ तुम्हें मगरकोशिश ये है कि खामोशी को भी आजमा लूँ जरा
छुप गए वो साज़-ए-हस्ती छेड़ करअब तो बस आवाज़ ही आवाज़ है
काश की लम्हे भर के लिये रुक जाये ज़मी की गर्दिशेऔर कोई आवाज ना हो तेरी धड़कने के सिवा
पलके भी जरा सम्भाल कर झपकना क्युँकीपलकें झपकने से सपने बदल जाते हैं
सुकून मिलता है दो लफ्ज़ कागज़ पर उतार करचीख भी लेता हूँ और आवाज भी नहीं होती
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