फासला शायरी

Rooh Milan Lab Faasla Shayari

मेरी रूह का मिलन तेरी रूह से हो जाए
कुछ इस तरह मेरे लब आज तेरे लबों को छू जाए
मिटाकर हर फासला हम दोनों के दरमियां
क्यों ना आज तुम हमारे और हम तुम्हारे हो जाएं


Samandar Dariya फासला शायरी

परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फासला रखना
जहां दरिया समन्दर से मिला दरिया नहीं रहता


मुहब्बतों में किसी से न कुछ गिला रखना
सिवा ख़ुदा के किसी का न आसरा रखना
ग़म और ख़ुशी के दऱख्तों में फ़ासला रखना
हमारे प्यार का गुलशन हरा भरा रखना


Faasla Shayari 2 Line

Duriyaan Dil Nazdikiyan Faasla Shayari 2 Line

दूरियों का गम नहीं अगर फासलें दिल में न हो
नजदीकियाँ बेकार है अगर जगह दिल में न हो


दूरी हुई तो उस के क़रींब और हम हुए
ये कैसे फ़ासले थे जो बढ़ने से कम हुए

फासलें ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था
सामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था

फासले बढ़ते है तो गलत फहमिया भी बढ़ जाती है
फिर वो भी सुनाई देता है जो कहा भी नहीं जाता है

सिर्फ तुझे ही इश्क किया और तेरे बारें में सोचता रहा
जब हमारे दरमियाँ फासला बढ़ा तो मैं खुद को कोसता रहा

वो मेरा हमसफर भी था वो मेरा राहगुजर भी था
मंजिलें ही एक न थीं दरमियाँ ये फासला भी था

फासला नजरों का धोखा है पर्दा हटा कर तो देखो
चाँद की चांदनी में कोई प्यारा सा गीत गुनगुना कर तो देखो

Faasla Shayari


मोहब्बत है तो दिल का मिलना भी जरूरी है
फासलों की वजह से भी कुछ मोहब्बत अधूरी है

दिल से दिल का फासला कुछ यूँ तय हो जाए
दिल मेरा धड़के और तुझे खबर हो जाए

पहले फासलों को मिटाया जाएँ
फिर किसी से दिल लगाया जाएँ

मसअला ये है कि उस के दिल में घर कैसे करें
दरमियाँ के फ़ासले का तय सफ़र कैसे करें

दूरी हुई तो उसके करीब और हम हुए
ये कैसे फासले थे जो बढ़ने से कम हुए

किस्मत बुरी या मैं बुरा ये फैसला न हो सका
मैं हर किसी का हो गया कोई मेरा न हो सका

फासला बढ़ा लिया तुमने मैं दीवार पक्की कर ली
जरा सी गलतफहमी ने देखो कितनी तरक्की कर ली

पहले लोग दूरियाँ दिलों में बनाते है
फिर धीरे-धीरे फासला बढ़ाते है

ख़ामोश आँखों में और कितनी वफ़ा रखूँ
तुम को ही चाहूँ और तुम्हीं से फासला रखूँ

उनसे फासला भी बड़ा अजीब था
हालातों से दूर वो दिल के करीब था

फासले शायरी

Manzil Raasta Hausla Faasle Shayari

मंजिलें क्या है रास्ता क्या है
हौसला हो तो फासला क्या है


ज़ेहन ओ दिल के फ़ासले थे हम जिन्हें सहते रहे
एक ही घर में बहुत से अजनबी रहते रहे

फासला नज़रों का धोखा है पर्दा हटा कर तो देखो
चमकते चाँद की चाँदनी में कभी गुनगुना कर तो देखो

ना करीब आ ना तो दूर जा ये जो फासला है यही ठीक है
ना गुज़र हदों से ना हद बता ये जो दायरा है यही ठीक है

फासले के बाद भी मैं तकलीफ में रहा
क्योंकि वो अजनबी हमेशा मेरे दिल में रहा

भूल जाओ तो फासला है बहुत
याद रखो तो दिल के करीब है हम

जब हमारे बीच फासलें थे तब एक उम्मीद थी
आज तू करीब है फिर भी कोई उम्मीद नहीं

फासला तो है मगर कोई फासला नही
मुझसे तू जुदा सही दिल से तो जुदा नही

तेरे मेरे दरमियाँ जो फासला है
वो तेरी मर्जी है या दुनिया का फैसला है

दुनिया तो चाहती है यूँही फ़ासले रहें
दुनिया के मश्वरों पे न जा उस गली में चल

मिटाने की कोशिश तुमने भी की हमने भी की
हमने फासला और तुमने हमारा वजूद

जब हवाएं साथ देती है तो हर दिया जलता है

चाय के कप से लबों तक का फासला है ज़िंदगी

जीवन में ऐसा फैसला मत लेना
कि रिश्तों में फासला बढ़ जाएँ

उम्र का फासला कभी दिल में नहीं आया
जब इस दिल को तुमसे प्यार हुआ

पहले हम ने घर बना कर फ़ासले पैदा किए
फिर उठा दीं और दीवारें घरों के दरमियाँ

याद रखो तो दिल के करीब है हम
भूल जाओ तो फासला ही फासला है

किसे भूल जाएं किसे याद रखें मुश्किल है फैसला
दिल और दिमाग के बीच तो बहुत कम है फासला

तेरे मेरे दरमियाँ जो फासला है
वो तेरी साजिश है या खुदा का फैसला है

कितने शिकवे गिले हैं पहले ही
राह में फ़ासले हैं पहले ही

न फासला है, न रास्ता है
वो शख्स मुझी मे बसता है

फासला इसलिए रखा मैंने
वो किसी और के करीब था

मुलाकातों में ज़रा फासला रखिये
बेताबियों से इश्क़ खूबसूरत होता है

माना सफलता और मुझमें बड़ा फासला है
पर ये भी तो देख मुझमें कितना हौसला है

हम दोनों के दरमियाँ फासला सिर्फ दो कदमों का था
किसी ने न कदम बढ़ाया और न कभी ये खत्म हो सका

चंद फासला जरूर रखि‍ए हर रि‍श्‍ते के दरमियान
क्योंकि बदलने वाले अक्‍सर बेहद अजीज ही हुआ करते हैं

फासला रखकर क्या हासिल कर लिया तुमने
रहते तो आज भी तुम मेरे दिल मे ही हो

बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता

फासला भी ज़रूरी है चिराग रोशन करते वक्त
तजरुबा यह हाथ आया हाथ जल जाने के बाद

फासला इस लिये रखा मैंने
वो करीब था हर किसी के

हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा
चाहे वो फ़ासला ही सही

फासले बढ़ते हैं तो गलत-फहमीयां भी बढ़ जाती हैं
फिर वो भी सुनाई देता है जो कहा भी ना हो

ठुकराया हमने भी बहुतों को है तेरी खातिर
तुझ से फासला भी शायद उनकी बददुआओं का असर है

ये कैसा सिलसिला है तेरे और मेरे दरमियाँ
फासले भी बहुत है और मुहब्बत भी बहुत है

साफ़ साफ़ कह दो अगर कोई गिला है तो
फासला फ़ैसले से बेहतर है

चाँद से नजदीकियाँ बढ़ने लगी है
आदमी में फासला था फासला है

शायद कि ख़ुदा में और मुझ में
इक जस्त का और फ़ासला है

फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है
वो मिले या न मिले हाथ बढ़ा कर देखो

आज गुमनाम हूँ तो जरा फासला रख मुझसे
कल फिर मशहूर हो जाऊं तो कोई रिश्ता निकाल लेना

सबका ख़ुशी से फासला एक क़दम है
हर घर में बस एक ही कमरा कम है

आज गुमनाम हूँ तो ज़रा फासला रख मुझसे
कल फिर मशहूर हो जाऊँ तो कोई रिश्ता निकाल लेना

फासले हमारे दिलों के दरमियाँ बेवजह है
मोहब्बत को तो कोई हद कोई सरहद नहीं होती

करीब आने की कोशिश तो मैं करूँ लेकिन
हमारे बीच कोई फ़ासला दिखाई तो दे

मुहब्बत में फासला न रहे बाक़ी ऐ जान-ए-वफा
जैसे पहलू में है दिल यूँ मेरे आग़ोश में आ

यूँ तो बहुत से हैं रास्तें मुझ तक पहुँचने के
राह-ए-मुहब्बत से आना फासला कम पड़ेगा

फासला देखकर हम फैसला नहीं बदलते है
मुश्किल राहों पर भी मुस्कुराकर आगे बढ़ते है

फासला इश्क़ की शिद्दत को बढ़ा देता है
इसलिए रब ने मुझे तुझसे दूर रखा है

तूने फैसले ही फासले बढ़ाने वाले किये थे
वरना कोई नहीं था तुझसे ज्यादा करीब मेरे

फासला भी जरूरी है चिराग रौशन करते वक्त
तजुर्बा ये हुआ हाथ जल जाने के बाद

फासला अब भी दो क़दमों का ही है
पहले कदम कौन बढ़ाए तय ये नहीं है

कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो

यूँ तो बहुत से हैं रास्तें मुझ तक पहुंचने के
राह-ऐ-मोहब्बत से आना फासला कम पड़ेगा

इश्क करने से पहले आ बैठ फैसला कर लें
सुकूँ किसके हिस्से होगा बेकरारी किसके हिस्से

हमें तुमसे मिलने के लिये मीलों का नही
सिर्फ पलकों का फासला तय करना पड़ता है

छोड़ो ना ज़ख़्म और कुरेदो ना ज़िन्दगी
एक फासला ही है जिसने हमे बाँध रखा है

कर लूं एक बार
तेरा दीदार जी भर के मेरे दोस्त
मेरी मोहब्बत और तेरी नफरत के बीच का
फासला खत्म हो जाएगा

हमसे आया न गया उनसे बुलाया न गया
फासला प्यार में दोनों से मिटाया न गया

दिल से दिल का फासला कुछ यूँ तय हो जायें
दिल मेरा धड़के और तुझे खबर हो जायें